जंगली हाथी का शिकार और उसे जला देने के मामले में 1 रेंजर और 1 डिप्टी रेंजर सस्पेंड, आइए जानते हैं कहा का है मामला

Jul 8, 2023 - 12:53
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जंगली हाथी का शिकार और उसे जला देने के मामले में 1 रेंजर और 1 डिप्टी रेंजर सस्पेंड, आइए जानते हैं कहा का है  मामला

उमरिया। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा बफर परिक्षेत्र के छटवा बीट घौरीघाट के जंगल में बीते 8 माह पहले हाथी का शिकार के बाद साक्ष्य छिपाने जंगल में जलाने का मामला आया था। जिसको लेकर लगातार विभाग के अधिकारी जांच में जुटे हुए थे। मामले में क्षेत्र के रेंजर सहित डिप्टी रेंजर की प्रथम दृष्ट्या लापरवाही और दोषी पाए जाने वाले रेंजर पनपथा और डिप्टी रेंजर को सस्पेंड कर दिया गया है।
          जानकारी के मुताबिक घटना नवंबर माह 2022  के आसपास की बताई जा रही है। जहां बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व के पनपथा बफर परिक्षेत्र के घौरीघाट के जंगल मे एक जंगली हाथी के शिकार और फिर उसे जंगल मे ही जला देने का मामला सामने आया था। कुछ दिनों तक मामला शांत रहा और किसी को कोई जानकारी नही हो पाई।  लगभग 3 महीने बाद जनवरी 2023 में जंगल मे पड़े हाथी के जले हुए अवशेष को लोंगो ने देखा तब जाकर काफी हो हल्ला मचा था। कई दिनों तक मीडिया की सुर्खियां बनने के बाद बांधवगढ़ प्रबंधन जागा और जांच कराने एसटीएफ को सौंपा गया था।
          मामले की जांच करने एसटीएफ और डब्ल्यू सीसीबी की टीम मई माह में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व पहुंची हुई थी। जांच उपरांत प्रथम दृष्ट्या पनपथा परिक्षेत्र के रेंजर शील सिंधु श्रीवास्तव और डिप्टी रेंजर के प्रभार में रहे कमला कोल की लापरवाही पाई गई थी। इन दोनों के द्वारा यह घटना विभाग से भी छिपाई थी और जो प्रोटोकॉल वन्य प्राणियों के लिए निर्धारित है उसका भी पालन नही किया गया। जिसके चलते बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक राजीव मिश्रा ने परिक्षेत्र अधिकारी पनपथा बफर शील सिंधू श्रीवास्तव और सहायक परिक्षेत्र अधिकारी कमला कोल को निलंबित कर दिया है।

पूरा घटनाक्रम
          विश्वप्रसिद्ध बाँधवगढ टाइगर रिसर्व में एक जंगली हाथी के शिकार का सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमे पार्क के पनपथा बफर परिक्षेत्र में जंगली हाथी को जहर खुरानी कराकर शिकार करने का आरोप लगाया गया है, घटना बफर परिक्षेत्र के RF 236 घौरीघाट, वन परीक्षेत्र पनपथा, रोड से 20 से 30 मीटर से लगे हुए क्षेत्र में हाथी को मारकर जलाया गया है और उसके आसपास हाथी की चर्बी एवं उसकी हड्डियां पड़ी हुई है और दुर्गंध भी उसकी वहां पर आती है, इस मामले में आसपास की बसाहट के ग्रामीणों एवं पार्क के जमीनी अमले की मिलीभगत का आरोप है।
          बाँधवगढ में वर्ष 2018 से जंगली हाथियों ने अपना रहवास बना लिया है, झारखंड और छत्तीसगढ़ के रास्ते पहली बार मध्यप्रदेश में जंगली हाथियों ने बाँधवगढ में ही अपना रहवास बनाया है, बाँधवगढ में अभी तक बाघ, चीतल, सांभर तेंदुआ और पेंगोलिन का शिकार होता रहा है लेकिन पहली बार जंगली हाथी शिकरियों के निशाने पर आए हैं, जिस इलाके पर यह घटना हुई है वह शहडोल की तरफ का एरिया आता है। जंगली हाथी के शिकार की घटना से संबंधित वीडियो सामने आने के बाद पार्क के उच्चाधिकारी सक्रिय हो गए हैं मौके पर अधिकारियों की टीम फोरेंसिक एक्सपर्ट और डॉग स्कॉयड की टीम भेजकर जांच शुरू कर दी गई है,जंगली हाथी के शिकार का यह एमपी में भी पहला मामला है।

Source:online.

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