आजादी के बाद से अभी तक नहीं बन पाई कर्री से टिकरिया सड़क पहुंच मार्ग
उमरिया। जिले के करकेली ब्लाक अंतर्गत ग्राम टिकरिया जो की जंगल के किनारे बसा हुआ लगभग 1000 आबादी वाला गांव है और आज भी आजादी के 78 वर्ष बीत जाने के बाद अपने मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। आज तक ना तो कोई राजनेता पहुंच पा रहे हैं और ना ही प्रशासन की नजर पहुंच पा रही है।
जनप्रतिनिधि जनपद सदस्य श्रीमती राधा झरिया, आनंद झरिया, नंदलाल सिंह, भीमसेन सिंह, ईश्वर सिंह, विश्राम सिंह एवं अन्य ग्रामवासियों का कहना है कि हमारे सभी अधिकारों का हनन होता है ना तो हमें हर महीने राशन मिल रहा है, हमारे घरों में आज भी पानी के लिए कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता है, जबकि हर गांव में मुख्यमंत्री योजना के तहत पानी पहुंचाया गया, लेकिन हमारा गांव आज भी पानी के लिए तरस रहा है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि हमारे गांव तक पहुंचाने के लिए आज तक कोई भी सड़क नहीं बनाई गई है। हम लोग पगडंडी रास्ता होते हुए रहठा के लिए जाते हैं। हमारे गांव में किसी भी प्रकार की कोई सुविधा आज तक यहां नहीं पहुंच पाई है। स्वास्थ सुविधाओं के लिए हम चार किलोमीटर कंधे पर मरीज को ढोकर कर लाते हैं, जब कहीं बोदली से हमें एंबुलेंस की सुविधा मिल पाती है बिजली की व्यवस्था भी हमारे गांव में आज तक नहीं हो पाई हैं, गांव वासियों को कहना है कि सिर्फ चुनाव के टाइम पर लोग वोट मांगने आते हैं इसके बाद जरा भी ध्यान नहीं देते, हमारा गांव आज भी आजादी के 78 वर्ष बीत जाने के बाद भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है, "बल्कि यह कहा जाए कि हमारा गांव एक आदिमानव की तरह जीवन जीने के लिए मजबूर है" और उसका एक ही कारण है हमारे गांव तक सड़क मार्ग का न पहुंच पाना। यदि सड़क हमारे गांव तक पहुंच पाती तो हम निश्चय अपना एक दूसरे से संपर्क बना पाते और अपना भी और अपने संस्कृति का विकास कर पाते हैं लेकिन कितनी दुर्भाग्य की बात है की आज भी हम अपने मूलभूत सुविधाओं से वंचित है।
सभी ग्रामवासियों का सरकार से व जिम्मेदार शासन से अपील है कि समस्या को देखते हुए जल्द से जल्द रोड स्वीकृत कराकर रोड बनवाने की मांग को पूरा कराया जाय, जिससे निवासी ग्राम वासी अपनी मूलभूत सुविधाओं को पा सकें।
What's Your Reaction?