आज नेशनल लोक अदालत 13 मई को, 11 खण्ड पीठ गठित
उमरिया । प्रधान जिला एवं सत्र नयायाधीष अध्ययक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उमरिया महेन्द्र सिंह तोमर ने बताया कि नेषनल लोक अदालत का आयोजन जिला न्यायालय उमरिया एवं सिविल न्यायालय बिरसिंहपुर पाली/मानपुर में नेषनल लोक अदालत का आयोजन 13 मई को किया गया है। नेषनल लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण हेतु प्रधान जिला न्यायाधीष के द्वारा कुल 11 न्यायिक खण्डपीठों का गठन किया गया है।
नेषनल लोक अदालत में राजीनामा योग्य प्रकरणों के निराकरण हेतु जिला न्यायालय उमरिया में 8 खण्डपीठ, सिविल न्यायालय बीरसिंहपुर पाली में 2 खण्डपीठ एवं सिविल न्यायालय मानपुर में 1 खण्डपीठों का गठन किया गया है। जिला न्यायालय उमरिया में न्यायिक अधिकारीगण क्रमषः प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीष महेन्द्र सिंह तोमर, आर0एस0 कनौजिया प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीष, रामसहारे राज, तृतीय व्यवहार न्यायाधीष, आर0पी0 अहिरवार, मुख्य न्यायिक मजिस्टेªट, धर्मेन्द्र खण्डायत, द्वितीय व्यवहार न्यायाधीष वरिष्ठ खण्ड, सरिता आर0 चौधरी द्वितीय व्यवहार न्यायाधीष कनिष्ठ खण्ड, खालिदा तनवीर, प्रथम व्यवहार न्यायाधीष कनिष्ठ खण्ड, अमृता मिश्रा, तृतीय व्यवहार न्यायाधीष कनिष्ठ खण्ड, राकेष कुमार मरावी अतिरिक्त व्यवहार न्यायाधीष वरिष्ठ खण्ड बीरसिंहपुर पाली, पूजा गोले प्रथम व्यवहार न्यायाधीष कनिष्ठ खण्ड बीरसिंहपुर पाली एवं सुश्री चेतना रूसिया व्यवहार न्यायाधीष कनिष्ठ खण्ड मानपुर की खण्डपीठ गठित की गई है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उमरिया की सचिव एवं जिला न्यायाधीष श्रीमती संगीता पटेल ने बताया कि नेषनल लोक अदात में राजीनामा योग्य आपराधिक प्रकरण, सिविल प्रकरणों, चैक बाउंस के प्रकरणों, पारिवारिक एवं वैवाहिक प्रकरणों, मोटरयान क्षतिपूर्ति दावा प्रकरणों आदि का निराकरण किया जावेगा। बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों के प्रिलिटिगेषन प्रकरणों का भी निराकरण किया जावेगा। नेषनल लोक अदालत के माध्यम से प्रकरणों का निराकरण होने पर संपूर्ण कोट फीस की वापसी हो जाती है तथा विवाद हमेष के लिये समाप्त हो जाता है।
नेषनल लोक अदालत में नगरीय निकायों एवं विद्युत अधिनियम से संबंधित प्रिलिटिगेषन प्रकरणों में शासन के द्वारा दिये गये निर्देषों के अनुसार छूट प्राप्त होगी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उमरिया द्वारा जन सामान्य से नेषनल लोक अदालत में उपस्थित होकर अधिक से अधिक प्रकरणों का निराकरण कराने एवं विवाद रहित समाज की स्थापना में न्यायालय का सहयोग प्रदान करने की अपील की है।
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