घोषित समर्थन मूल्य किसानों के साथ धोखाधड़ी
पूरी फसल की खरीदी भी करें साथ ही सी-2 लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य दें केंद्र सरकार
रायपुर/(छ.ग.) । अखिल भारतीय किसान सभा छत्तीसगढ़ ने केंद्र सरकार द्वारा रबी फसलों के लिए घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य को अन्नदाताओं के साथ धोखाधड़ी करार दे दिया है।
किसान सभा का मानना है घोषित समर्थन मूल्य हम अन्नदाताओं के लिए लाभकारी नहीं है बल्कि किसानों को कर्ज में डुबोने का काम करेगा। जारी बयान में छत्तीसगढ़ किसान सभा के संयोजक संजय पराते ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य ए-2 लागत पर आधारित है, न कि (सी-2 लागत) पर । वर्ष 2014 का भाजपा का (सी-2 लागत का डेढ़ गुना) समर्थन मूल्य देने वादा 'चुनावी जुमला' बनकर रह गया है। मोदी सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य से गेहूं उत्पादक किसानों को 203 रूपये प्रति क्विंटल, सरसो किसानों को 452 रूपये, जौ उत्पादकों को 571 रूपये, मसूर किसानों को 910 रूपये, चना किसानों को 1381 रूपये और सोयाबीन उत्पादक किसानों को 2321 रूपये प्रति क्विंटल का नुकसान होने जा रहा है। स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित न करने के कारण किसानों को हो रहे नुकसान के संबंध में एक तालिका भी उन्होंने मीडिया को प्रेषित की है। अन्नदाताओं को हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए राज्य सरकार द्वारा दिए जा रहे बोनस पर प्रतिबंध लगाने की भी उन्होंने आलोचना की है। किसान सभा नेता श्री पराते ने बताया कि समर्थन मूल्य में कथित वृद्धि के दावे की पोल इसी तथ्य से खुल जाती है कि कृषि मूल्य और लागत निर्धारण आयोग के अनुसार फसलों की लागत में 9% से अधिक की वृद्धि हुई है, जबकि समर्थन मूल्य में वृद्धि केवल 2% से 7% के बीच ही है।
यह भी उल्लेखनीय तथ्य है कि कृषि लागत के संबंध में आयोग का अनुमान हमेशा विभिन्न राज्यों के लागत अनुमान के औसत से काफी नीचे रहता है। इस प्रकार, बढ़ती लागत के साथ घोषित अनुचित समर्थन मूल्य किसानों की आय को दोगुना करने के बजाए उन्हें कर्ज के दलदल में ढकेलने का काम कर रहा है।
भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को तत्काल एमएसपी को संशोधित करना चाहिए
छत्तीसगढ़ किसान सभा की मांग है कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार एमएसपी को संशोधित करके इसे सी-2 लागत का डेढ़ गुना देने के फॉर्मूले के अनुसार बढ़ाए और सुनिश्चित खरीदी का भी पूर्ण आश्वासन दे। अन्यथा किसान सभा ने अपनी सभी इकाइयों से नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा किसानों के साथ किए गए छलावे के विरोध में खड़े होने और उनके फर्जी दावों को उजागर करने का अभियान चलाकर आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों में भाजपा की हार सुनिश्चित करने का आह्वान किया है।
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