सीएम शिवराज ने सीधी पेशाब कांड के पीड़ित से की मुलाकात: पैर धोकर किया सम्मान, कहा- तुम मेरे सुदामा और आज से मेरे मित्र
भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीधी पेशाब कांड के पीड़ित से मुलाकात की। सीएम शिवराज ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए पीड़ित का पैर धोकर सम्मान किया। उन्होंने कहा कि मन द्रवित है, मन दुखी है, मेरे लिए जनता ही भगवान है। मुख्यमंत्री ने पीड़ित को सुदामा कहा और कहा कि अब तुम मेरे दोस्त हो। इसके साथ ही उन्होंने दशमत से माफी भी मांगी है।
सीएम शिवराज ने दशमत से अनेक विषयों पर चर्चा की है। उन्होंने पीड़ित से पूछा कि क्या करते हो, घर चलाने के क्या साधन है, कौन कौन सी योजनाओं का लाभ मिल रहा है। बेटी लाड़ली लक्ष्मी है, पत्नी को लाड़ली बहना का लाभ मिल रहा है, आवास योजना का लाभ मिला है। बेटी को पढ़ाना है, बेटियां आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री चौहान ने दशमत को सुदामा कहा और कहा कि अब तुम मेरे दोस्त हो। CM शिवराज ने पीड़ित के साथ स्मार्ट सिटी पार्क में पौधारोपण भी किया है।
पीड़ित ने कहा- कार्रवाई से संतुष्ट, सीएम से मिलकर अच्छा लगा
पीड़ित ने कहा कि मैं कार्रवाई से संतुष्ट हूं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से मिलकर बहुत अच्छा लगा। अब किसी से कोई गिला शिकवा नहीं है। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज ने पीड़ित की पत्नी से फोन पर चर्चा कर परिवार का हाल जाना और घटना पर दुख जताया है।
गरीब का अपमान मतलब हम सबका अपमान- मुख्यमंत्री चौहान
सीएम शिवराज ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि मेरे लिए दरिद्र ही नारायण है और जनता ही भगवान है। जनता की सेवा हमारे लिए भगवान की पूजा है और हम यह मानते हैं कि हर इंसान में ही भगवान निवास करता है। भाई दशमत के साथ अन्याय हुआ मेरा मन दर्द, पीड़ा और व्यथा से भर गया। इसलिए मैंने यहां बुलाया क्योंकि मन गहरी वेदना से भरा हुआ था। मन में बहुत तकलीफ थी कि एक बहुत अमानवीय घटना हमारे भाई के साथ घटी। व्यथित था और अंतरात्मा से मानता हूं गरीब ही हमारे लिए पूज्य है और उसका अपमान मतलब हम सबका अपमान है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि मन की व्यथा और पीड़ा कम करने के लिए आज दशमत को बुलाया, पैर धोए, पानी माथे से लगाया। ताकि मेरी व्यथा और दर्द कम हो सके। मन में जो पीड़ा थी उस पीड़ा को मैं कम कर सकूं। एक तरफ जिसने अन्याय किया उस को कड़ी सजा और जो अपराध करता है, अन्याय करता है उसका कोई धर्म नहीं होता, कोई जाति नहीं होती, कोई पार्टी नहीं होती। इसलिए जिसने अन्याय किया उस को कड़ी सजा और जिसके साथ अन्याय हुआ उसको कलेजे से लगाकर उसकी पीड़ा भी कम करने की कोशिश!
सीएम ने प्रदेशवासियों से की ये अपील
उन्होंने प्रदेशवासियों से भी अपील करते हुए कहा कि हम सभी के प्रति और विशेषकर, गरीबों के प्रति हमारे ऐसे भाई-बहनों के प्रति हम मानवीयता, करुणा, प्रेम, दया और संवेदना से भरे रहें। क्योंकि एक ही चेतना के तो अंश हैं हम सब, उसी एक भगवान ने हम सभी को बनाया है तो इंसान-इंसान में कैसा भेद। हम कोई भेद ना करें, सम्मान और सुरक्षा गरीब के लिए भी जरूरी है आत्मसम्मान गरीब का भी है। उसको हम बनाए रखें और यह संदेश भी शासन और प्रशासन को, दशमत का पैर धोना चरण धोना एक संदेश भी है। गरीबों के साथ में किस संवेदना के साथ उनकी सेवा करता हूं। कोई गड़बड़ करेगा तो उसे कठोरतम सजा मिलेगी।
ऐसे लोगों को भी यह संदेश है और जनता शासन-प्रशासन सभी को भी यही संदेश है कि गरीबों का सम्मान और उनका स्थान भी हम सुरक्षित रखें। दशमत मेरा साथी है, मेरा भाई है हर परिवार की जो जरूरतें होंगी, आवश्यकताएं होंगी उसका भी ध्यान रखेंगे और उनके सम्मान और सुरक्षा की भी चिंता करेंगे। सीएम ने कहा कि मन में सहज भाव आया मैं कोई भगवान कृष्ण जैसा नहीं हूं लेकिन मुझे लगा मेरा भाई आया है तो मैं प्रेम से उसे गले लगाऊं और उसे सम्मान देने की कोशिश करूं यही भाव मन में था। दो ही चीजें एक संदेश गरीब की इज्जत सबसे बड़ी है हमारे लिए और दूसरा कठोरतम दंड ताकि कोई ऐसी हिम्मत ना करें।
Source: online.
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