महँगाई ने मध्यम वर्गीय परिवार की कमर तोड़ रखी है
उमरिया। पेट्रोल एवं डीजल में लगातार वृद्धि हो रही है, विगत दस दिनों में 9वीं बार पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों में इजाफा हुआ है, एक तरफ सरकार कह रही है कि हमने किसानों की आय को दो गुना किया है वहीं किसानों की आय का ज्यादातर हिस्सा डीजल में खर्च हो जाता हैं। अगर हम बात करें मध्यम वर्गीय परिवार की, तो इन परिवारों में महँगाई की मार पड़ी है। हालाकि हम आपको बताये कि मध्यम वर्गीय परिवार सिर्फ चुनौतियों का सामना करने के लिए ही समाज में रहता है एवं महँगाई में भी हँसी खुशी अपने परिवार का भरण पोषण करता है।
अभी हाल में ही रसोई गैस की कीमतों में पचास रुपये का इजाफा हुआ था, गरीब एवं मजदूर वर्ग पर महँगाई की यह मार अगर हम कहें कि "गरीबों के बच्चों" से निवाला छीनना, तो यह शब्द भी कम ही होगा।
बाजार में खाने का तेल, महँगाई में आसमान छू रहा है, बाजार में तेल की कीमत लगभग 160 रुपये से लेकर 200 रुपये किलोग्राम तक बिक रहा है।
सवाल यह उठता है कि क्या जब जब चुनाव खत्म होता है, तभी सरकार को महगाई की याद आती है वही जब चुनाव होता है, उस समय क्यो महगाई की याद नही आती है?
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