छपडौर धाम में श्री महाराज जी का रंगारग जन्मोत्सव समारोह संपन्न
उमरिया/मानपुर। गोपाष्टमी तिथि में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी हनुमंत कुंज आश्रम शिवपुरी छपडौर में विराजे श्री श्री 1008 श्री संत शरण जू महाराज के 95 वें जन्मोत्सव समारोह का दृश्य एक महाकुंभ की भांति देखने को मिला। लाखों भक्तों की गरिमामय उपस्थिति के बीच सुबह 9 बजे श्री महाराज जी की शोभायात्रा एक विशेष रथ में राम जानकी मंदिर पहुंची, जहां पूजन एवं दर्शन पश्चात श्री गुरुदेव भगवान जन्मोत्सव मंच में पधारे।
कार्यक्रम के प्रारंभ में आश्रम कमेटी के सदस्यों द्वारा बतौर जजमान श्री गुरुदेव जी का सैकड़ों वेदाचार्यों के मंत्रोच्चारण के बीच विधिपूर्वक ध्यानमग्न हो विशेष पूजन अर्चन किया गया, एवं महाराज श्री की सतायु होने की मंगलकामना की गई।। पूजन पश्चात आश्रम कमेटी के तत्वाधान में विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। छपडौर धाम में प्रतिवर्ष होने वाले इस विशाल भंडारे को समूचे बिन्ध्यप्रदेश का विशालतम सामूहिक भंडारा भी कहा जा सकता है,, जहां लाखों की तादात में पहुंचे श्री गुरुदेव के भक्तों को प्रसाद स्वरूप भोजन सुलभ होता है। इस भंडारे के लिए जंगल से लकड़ी लाने, अनाज संग्रहण, प्रसाद वितरण, भीड़ मैंनेजमेंट, स्वच्छता, पार्किंग और महिला सुरक्षा जैसे तमाम मामले छपडौर धाम के युवाओं द्वारा कड़ी मेहनत एवं लगन से हल किये जाते हैं। इस दिन छपडौर गांव का बच्चा बच्चा सुबह 6 बजे से रात्रि 8 बजे तक आश्रम के इस समारोह में अपनी भूमिका निर्वहन हेतु पूरी तन्मयता से तत्पर होता है। यह भंडारा दोपहर 11 बजे से अनवरत शाम 8 बजे तक संपन्न होता है।
इस वर्ष कार्यक्रम का मुख्य आकषर्ण श्री गुरुदेव जी के भक्तों द्वारा दान स्वरूप प्रदत्त मिठाई से अपने गुरु का तुलादान करना रहा। जहां मिठाई से तौलने हेतु श्री गुरुदेव भगवान को भव्य तराजू के एक पलड़े में बैठाकर दूसरे पलड़े को आश्रम कमेटी के सदस्यों द्वारा तब तक मिठाई से भरा गया जब तक तराजू के दोनों पलड़े सम न हो जाए। जैसे ही मिठाई के भार से महाराज श्री का पलड़ा उठा वहां आश्रम के समूचे प्रांगण में उपस्थित जन सैलाब द्वारा ऐसी जयघोष की गई कि वहां उपस्थित लोगों के रोंगटे खड़े हो गए। संख, नगाड़ों की ऐसी दुंदुभी बजाई गयी की समूचा आश्रम प्रांगण एवं वहां उपस्थित लोग उसकी गूंज से रोमांचित हो उठे। भक्तों पर पुष्पवर्षा की गई, वह दृश्य उपस्थित लोगों के अंतर्मन में कभी न भूलने वाले एक याद के रूप में स्थापित हो गयी। कार्यक्रम में उपस्थित गायन मंडली ने लगातार संगीतमय मधुर भजनों के माध्यम से उपस्थित लोगों को भक्तिमय रसधारा में मग्न रखा। ऐसे माहौल में उपस्थित जनसमुदाय में भक्ति और तन्मयता का सुरूर सर चढ़ कर बोल रहा था। भक्ति के सुरूर में क्या युवा? क्या महिलाएं? बूढ़े और छोटे बच्चे तक रामधुन में थिरकते देखे गए, निश्चित रूप से छपडौर ग्राम स्थित हनुमंत कुंज आश्रम में एक बहुत बड़े त्यौहार के रूप में गोपाष्टमी का दिन यादगार हो गया ।
कार्यक्रम के अंत मे श्री गुरुदेव भगवान जी के कृपापात्र एवं श्री हनुमंतकुंज आश्रम शिवपुरी छपडौर के महंत जगतगुरु स्वामी सियारामशरण जी के द्वारा आशीर्वचन स्वरूपी आख्यानों से इस पूरे कार्यक्रम की महत्ता का बारिकी से विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया, एवं अगले वर्ष भी पुनः जन्मोत्सव कार्यक्रम के आयोजन का संकल्प प्रस्तुत किया गया। श्री जगतगुरु जी के द्वारा समूचे भक्त जनों के प्रति शांतिमय विशाल उपस्थिति के प्रति आभार एवं कृतज्ञता भी व्यक्त की गई। !
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