दर्द से कराहती रही प्रसूता, उधर पैसे की डिमांड में लगी रही डॉक्टर
प्रसूता परिजनों ने कलेक्टर से की शिकायत
उमरिया। प्रसूता दर्द से कराहती रही और महिला चिकित्सक अपने सरकारी आवास पर परिजनों से पैसा ऐंठने में लगी थी,बाद में किसी तरह ड्यूटी नर्स ने डिलवरी कराई परन्तु जच्चा बच्चा दोनो की हालत ठीक नही थी,जिसके बाद परिजन बिना देर किए कटनी ले गए,परन्तु दुर्भाग्य से बच्चे की मौत हो गई, इस मामले की शिकायत परिजनों ने सोमवार को कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव से की है, जिस पर कलेक्टर ने जांच कर दोषी के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही का आश्वासन दिया है। जिला पंचायत सदस्य बबलू सिंह ने इस मामले में कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि मानवीयता को झकझोर देने वाले ऐसे मामले दुर्भाग्यपूर्ण है और गहरे आघात देने वाले है,ऐसे मामलों में जांच उपरांत अगर शिकायत सत्य पाई जाती है तो दोषी के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की ज़रूरत है।
लापरवाही में गई बच्चे की जान-शिकायतकर्ता
करकेली निवासी शिकायतकर्ता उषा कचेर पति स्व राममूरत कचेर ने कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव को दिए गए लिखित शिकायत की माने तो शुक्रवार 9 सितंबर को बहु सुलोचना पति अमित कचेर प्रसव वेदना से पीड़ित रही है,जिसे जननी की मदद से जिला अस्पताल लाया गया था,और प्रसव वार्ड में भर्ती किया गया था।प्रसव पूर्व महिला चिकित्सक ने कहा कि सामान्य प्रसव मुश्किल है,ऑपरेशन की मदद से ही प्रसूता का प्रसव सम्भव है,जिसके लिए प्रसूता को बेहोश करना होगा,और डॉक्टर को जबलपुर से बुलाना होगा,जिसका चार्ज 10 हजार रुपये लगेंगे।परिजनों ने किसी तरह राशि एकत्रित कर महिला चिकित्सक को सरकारी आवास पर दे दी।इसी बीच प्रसूता बहु अत्यंत गम्भीर हो गई,जिसको देखते हुए परिजनों ने उन्हें जल्द अस्पताल जाने का निवेदन किया पर महिला चिकित्सक ने पुनः अपनी फीस के रूप में 5 हजार की डिमांड कर दी। इस बीच प्रसूता की हालत ज्यादा बिगड़ गई, किसी तरह ड्यूटी नर्स ने डिलवरी कराई।
शिकायतकर्ता उषा कचेर ने बताया कि हालत ज्यादा बिगड़ती देख जच्चा-बच्चा दोनो को तत्काल कटनी अस्पताल ले गए,परन्तु कुछ ही देर में बच्चे की मृत्यु हो गई। मानवीयता को तार तार करती ये शिकायत रूपी दास्तान जिसने भी सुनी, वो महिला चिकित्सक को गलत ठहराया, ज़रूरी है कि ऐसे मामलों में न्यायिक जांच हो, जिससे पूरा मामला साफ हो और जांच उपरांत चंद पैसों के लिए किसी की जान से खेलने की बात स्पस्ट होती है, तो ऐसे मामलों में विधिसंगत कार्यवाही की ज़रूरत है।
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