गणवेश घोटाला : ब्लैक लिस्ट कर प्रशासन ने झाड़ा पल्ला, मास्टरमाइंड श्रीवास्तव पर मेहरबान हुए साहबान

Nov 2, 2023 - 11:03
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गणवेश घोटाला : ब्लैक लिस्ट कर प्रशासन ने झाड़ा पल्ला, मास्टरमाइंड श्रीवास्तव पर मेहरबान हुए साहबान

उमरिया। जिले में निशुल्क गणवेश वितरण में हुए घोटाले पर नया मोड़ आ गया है, जांच अधिकारी ने शिकायत को सही पाया है। मामला तब खुला जब आरटीआई के तहत जांच संबंधी दस्तावेज मांगे गये और सभी तथ्य चौंकाने वाले सामने आये, हालांकि जांच प्रतिवेदन के आधार पर कलेक्टर ने रुद्र इंटर प्राइजेस झांसी को ब्लैक लिस्टेड कर दिया, जबकि इस पूरे मामले में मास्टरमाइंड NRLM करकेली ब्लाक के प्रबंधक मनीष श्रीवास्तव पर कोई आंच नहीं आई, जिस बात की चर्चा सरकारी दफ्तरों पर जमकर हो रही है।

बिना दिनांक और हस्ताक्षर के कैसे स्वीकार हुए आवेदन..?

          शिकायत के बाद जांच अधिकारी ने जब जांच की तो पाया है कि रुद्र इंटर प्राइजेस द्वारा 4 कोटेशन भरे गये, लेकिन किसी भी कोटेशन में न तो दिनांक है और न ही हस्ताक्षर, यहां तक कि एजेंसी को कोटेशन कब जारी किया गया है इसका भी उल्लेख नहीं है, जब संबंधित एजेंसी ने समूह से इकरारनामा किया तो उसमें कपड़ा अलग दिखाया गया और सप्लाई में दूसरे क्वालिटी का कपड़ा दिया गया, इसके बावजूद भी आजीविका मिशन के ब्लाक प्रमुख श्रीवास्तव जी के यह सब कुछ देखना था लेकिन उन्होंने आंख बंद कर ली और जो चल रहा है उसे चलने देने का कह कर पल्ला झाड़ लिया। मोटा माल खाने के चक्कर में अपने अधिकारी से सांठगांठ कर बच्चों के हक पर ढाका डाल दिया और लाखों रुपये का वारा न्यारा कर डाला, लेकिन सब कुछ होने के बाद भी मनीष श्रीवास्तव पाक साफ बचे हुए हैं, जबकि समूह और दस्तावेज चीख चीख कर बता रहे हैं कि इस पूरे मामले में मनीष ही है जिम्मेदार..?

चुप रहो जो मिला उसको सिलो..!

          गणवेश सिलाई का काम चल ही रहा था इसी दौरान यह बात सामने आई कि गणवेश के लिए जो कपड़ा दिया गया है वह छोटा है, किसी के पेंट छोटा है तो कहीं सिलाई खराब हो रही है, इस बात की शिकायत जब ब्लाक में बैठे जिम्मेदार मनीष श्रीवास्तव तक पहुंची तो उन्होंने दो टूक में कहते हुए समूह संचालकों को चुप करा दिया कि "चुप रहो जो मिला है उसको सिलो" इस बात की शिकायत भी जिला कलेक्टर और पूर्व आजीविका मिशन के डीपीएम प्रमोद शुक्ला से हुई लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हो सकी। यहां तक कि पूर्व कलेक्टर केडी त्रिपाठी तक यह शिकायत स्वयं समूहों ने की लेकिन अपना बनता देख साहब ने मनीष और प्रमोद को अभयदान दे दिया।

...तो बच्चों के साथ होगा न्याय

          जिले भर में हुए गणवेश वितरण घोटाले में शामिल लोगों पर क्या कार्यवाही होगा और उन्हें कौन सी कानून की धारा से दंडित किया जायेगा यह तो पता नहीं लेकिन गणवेश न पाने वाले बच्चे घोटाले से अंजान कलेक्टर से एक नई किरण की आस लेकर बैठे हैं, वह अपने ड्रेस के लिए इंतजार कर रहे हैं। ऐसा नहीं है कि जब यह बात मीडिया में आई तो संबंधित डीपीएम अधिकारियों को समूह ने शिकायत की गई लेकिन मनीष साहब ने छोटी शिकायत है हम दिखवा लेगें के तर्ज पर अधिकारी भी गांधी जी पर निर्भर हो गये और आज स्थिति यह है कि छोटे बच्चों के साथ अन्याय हुआ, लेकिन जिन जिम्मेदारों को देखना था वह मुंह बांये खड़े हो गये और 1 फर्म को ब्लैक लिस्टेड कर कार्यवाही को पूरा कर दिया जबकि विभाग के जिम्मेदार आज भी मलाई छानने के लिए नये वर्ष का इंतजार कर रहे हैं। 

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