मध्यप्रदेश में रेत नीति तैयार, सरकार की सहमति का इंतजार
कीमत बढ़ाने पर रहेगी रोक, कैबिनेट की अनुमति के बाद लागू होगी नीति, वर्षाकाल के बाद दिए जाएंगे ठेके
भोपाल। मध्य प्रदेश में इसी साल से नई रेत नीति लागू होनी है खनिज साधन विभाग ने नीति तैयार कर ली है, जो कैबिनेट की सहमति के लिए भेजी गई है। नई नीति में रेत की कीमत नियंत्रण के प्रयास किए गए हैं इसमें प्रविधान किया है कि ठेकेदार रेत की कीमत नहीं बढ़ाएंगे। वहीं उन्हें ठेके की आधी राशि अग्रिम जमा करनी होगी। अब तक उन्हें 25 प्रतिशत राशि जमा करनी पड़ती थी। बता दें कि वर्षाकाल के बाद प्रदेश में नई रेत नीति के अनुसार खदानें नीलाम की जाएंगी।
कमल नाथ सरकार ने वर्ष 2019 में रेत नीति बनाई थी, जिससे रेत खदानों से मिलने वाले राजस्व में छह गुना वृद्धि हुई थी, जो खदानें ढाई सौ करोड़ में नीलाम होती रही थीं, वे 2019 में 1500 करोड़ में नीलाम हुईं। हालांकि ठेकेदार ठेके की राशि खदानों से नहीं निकाल पाए और करीब 18 जिलों की खदानें ठेकेदारों ने छोड़ दीं या मासिक किस्त जमा न करने के कारण खनिज विभाग ने ठेके समाप्त कर दिए।
नई रेत नीति में तहसील स्तर पर समूह बनाकर खदानें नीलाम करने का प्रविधान किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि ज्यादा ठेकेदार खदानें ले सकेंगे, किसी एक पर बोझ नहीं पड़ेगा, तो राजस्व भी बढ़ेगा। इससे खदानें पूरी अवधि चल सकेंगी। नई नीति में तीन साल के लिए खदानें नीलाम करने का प्रविधान है। सरकार इस अवधि को दो साल बढ़ा भी सकेगी।
विभाग लेगा अनुमति
इन खदानों को शुरू करने के लिए पर्यावरण और उत्खनन की अनुमति जरूरी है। यह काम अब ठेकेदार नहीं करेंगे, क्योंकि कई ठेकेदार ठेके की अवधि समाप्त होने तक अनुमति नहीं ले पाते हैं। इस बार से यह अनुमति खनिज विभाग लेगा। ठेकेदार को सभी अनुमतियों के साथ खदानें सौंपी जाएंगी। यदि ठेका दिया जा चुका है और अनुमति लेने में देरी होती है तो जितनी देरी होगी, उतना अतिरिक्त समय ठेकेदार को दिया जाएगा।
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