भोले गिरजापति हूं तुम्हारी शरण... भक्ति गीत से गूंजा शिवालय

उमरिया। धार्मिक मान्यता है कि पूरे सावन माह में भगवान शिव का वास भूलोक में होता है और वे भक्तो पर अपनी कृपा बरसाते है, इसलिए इस पूरे माह भक्त भगवान शिव की पूजा-अर्चना में लीन रहते हैं। खासकर सावन महीने में पड़ने वाले सोमवार के दिन का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। इस दिन व्रत रखने का विधान है तीन सावन सोमवार बीतने के बाद आज सावन माह के अंतिम सोमवार का व्रत धारण किया गया है। ज्ञात हो कि भोलेनाथ का प्रिय सावन मास 9 अगस्त 2025 को रक्षाबंधन के साथ समाप्त होगा। इस पावन महीने का चौथा और अंतिम सोमवार 4 अगस्त यानी आज है यह दिन भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त करने का श्रेष्ठ अवसर माना जाता है। सावन के हर सोमवार को मंदिरों में भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है लेकिन आज सावन महीने का चौथा व आखिरी सोमवार पर भोलनाथ के भक्त मंदिरों में दूध, दही, शहद और गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक किए। ऐसी मान्यताएं है कि सावन के महीने में भगवान शिव और पार्वती की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है। *भक्त पूरे विधि-विधान से शिव को प्रसन्न करने के लिए सोमवार का व्रत धारण कर पूरा दिन उपवास करने के बाद ही शाम को आहार ग्रहण किया। आज सावन के चौथे सोमवार को जिला मुख्यालय स्थित श्री सागरेश्वरनाथ सगरा मंदिर , मढ़ीवाह शिव मंदिर सहित सभी महादेव जी के मंदिरों में भगवान भोलेनाथ जी की विशेष आराधना की गई। आखिरी सोमवार होने की वजह से आज शिवमंदिरो में विशाल भंडारा का भी आयोजन किया गया जिसमे श्रद्धालुओं ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया।
श्री सागरेश्वरनाथ जी की निकली शाही सवारी
सावन के पवित्र महीना में भोलेनाथ बाबा की विशेष पूजा अर्चना कर श्रद्धाभक्ति व हर्षोल्लास के साथ सागरेश्वर सरकार की सवारी निकली। ज्ञात हो कि श्री सागरेश्वर नाथ सेवा समिति सगरा मंदिर भक्तों के द्वारा सागरेश्वर नाथ की नगर भ्रमण की सवारी का आयोजन किया गया था। जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालुगणों ने हिस्सा लिया। सावन के पवित्र महीने के चौथे सोमवार को विधि विधान से जलाभिशेक, रुद्रभिशेक, दुधाभिशेक व पूजन के बाद सगरा मंदिर से सवारी निकल कर स्टेशन चौक पहुँची। ततपश्चात भोलेनाथ की सवारी पुराना बस स्टैंड , जय स्तंभ, गांधी चौक रणविजय चौक , सामुदायिक भवन होते हुए नगर भ्रमण कराया गया । इस दौरान शहर के मुख्य स्थानों में श्रद्धालुओं द्वारा भगवान महादेव जी की सवारी का पुष्प वर्षा कर आरती उतारी। इसके अलावा जगह - जगह भंडारा प्रसाद का वितरण किया गया जिसमें श्रद्धालुओं ने बढ़चढ़कर हिस्सा लेते हुए पुण्य लाभ अर्जित किया।
What's Your Reaction?






