बाघ के शिकारियों की तलाश जारी.....

बाघ के नाखून से शोभायमान धारियों की तलाश भी जारी...
उमरिया। बीते दिनों बांधवगढ़ पार्क प्रबंधन के लिए वह गमगीन समय हुआ जब सारे देश भर के टाइगर रिजर्व विश्व बाघ दिवस समारोह मना रहे थे और बांधवगढ़ में दो बाघों की करंट लगाकर हत्या कर दी गई और प्रबंधन की टीम उन हत्यारों को गिरफ्तार करने गांव और गलियों की खाक छानती नजर आई। पहले दो शिकारी पकड़े गये फिर एक और आज दो और शिकारियों पर टीम ने शिकंजा कसा है।
अब सवाल यह उठता है कि अभी तक शिकार किये गये बाघों के केवल 12 नग नाखून और दो जबड़े ही बरामद हुए हैं जबकि एक बाघ के 18 नाखून होते हैं।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के सूत्रों की मानें तो पकड़े गये शिकारियों ने शहर के उन रईश जादों के नाम भी उगल दिये हैं जो बाघ के नाखूनों को गले में पहनकर अपने गले को शोभायमान कर रहे हैं, शिकारियों द्वारा बताये गये पते और नाम के आधार पर जांच कर रही टीम जल्द ही नाखून के सौदागरों के गिरेबान तक पहुंचेगी और उन्हें बेनकाब करेगी, वहीं जानकार सूत्र यह भी बताते हैं कि शहर के कपड़ा करोबारी की सीसीटीवी फुटेज के आधार पर ही यह छापेमार कार्यवाही को अंजाम दिया जा रहा है।
बता दें कि बीते दो दिनों पहले बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के धमोखर रेंज के रोहनिया गांव के एक बैगा आदिवासी के घर से बाघ के 12 नाखून और दांत सहित जबड़ा बरामद किया गया था, जिसकी जांच में यह खुलासा हुआ कि रोहनिया गांव से सटे कोर जोन में दो बाघों का शिकार करंट लगाकर किया गया है और उसके दांत, नाखून और अन्य अवशेष बेचे जाते थे, इस मामले में कहीं न कहीं बांधवगढ़ पार्क प्रबंधन भी कठघरे में खड़ा दिखाई देता है, क्योंकि इतना बड़ा अमला और उसकी गोपनीयता पर इन शिकार हुए बाघ हजारों सवालों को जन्म दे रहें हैं। वन्य प्राणी संरक्षण के लाख दावे किये जाते हैं, फायर वाचर, गस्ती दल और तमाम वह सुख सुविधाएं जो कि करोड़ों रुपए में बताया गिनाई जाती है जो बाघ संरक्षण के लिए जरूरी है वह हर सुविधाएं मुहैया होने के बाद भी बाघों का करंट लगाकर शिकार होना बांधवगढ़ पार्क प्रबंधन के लिए एक शर्मनाक बात है।
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