बड़ी सफलता मिली: पटपरिया नदी के पास मिली 26 सितंबर को हुई हिंसा में लूटी गई पुलिस पिस्टल, प्रेस वार्ता कर एडीजीपी ने दी जानकारी

Oct 20, 2023 - 09:19
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बड़ी सफलता मिली: पटपरिया नदी के पास मिली 26 सितंबर को हुई हिंसा में लूटी गई पुलिस पिस्टल, प्रेस वार्ता कर एडीजीपी ने दी जानकारी

उमरिया।  26 सितंबर को हिंसा में लूटी गई पुलिस पिस्टल (बट क्रम 54 बॉडी नम्बर 18352560) की बरामदगी ग्राम कुदरा के समीप पटपरिया नदी के पास करींब तीन हफ्ते बाद हो गई है, इसके अलावा पुलिस ने मौके से 10 जिंदा कारतूस भी बरामद किए है। 

          इस बात की जानकारी कन्ट्रोल रूम में आयोजित प्रेस वार्ता में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डीसी सागर ने दी, इस दौरान पुलिस अधीक्षक निवेदिता नायडू,एड एसपी पीपी महोबिया सहित पुलिस अधिकारी, कर्मचारी मौजूद रहे।

          विदित हो कि पिछले माह 26 सितंबर को सियासी पार्टी और पुलिस के बीच प्रदर्शन के दौरान हिंसक झड़प हुई थी।  इस घटना में सियासी पार्टी ने उग्र प्रदर्शन किया था और क़ई पुलिस कर्मियों को डंडे लाठी से मार मारकर घायल किया था, इसी दौरान उग्र भीड़ ने एड एसपी प्रतिपाल सिंह महोबिया के गार्ड आत्माराम मकवाना को भी गम्भीर रूप से चोटिल कर बेहोशी हालत मे पुलिस पिस्टल पार कर दी थी।  हिंसा के करींब तीन हफ्ते बाद पिस्टल की बरामदगी उमरिया पुलिस की बडी सफलता के रूप में देखा जा रहा है।  आपको यह भी बता दे कि इस हिंसक घटना में एड एसपी प्रतिपाल सिंह महोबिया सहित क़ई पुलिस अधिकारी और कर्मचारी घायल हुए थे।पुलिस ने इस मामले में करींब 48 आरोपियों को गिरफ्त में लिया था,जिनके विरुद्ध हत्या के प्रयास समेत गम्भीर अपराधों में प्रकरण पंजीबद्ध किया था।पुलिस सूत्रों की माने तो इस मामले में आरोपियों के विरुद्ध अपराध क्रम 511/23 धारा 307, 147, 148, 149, 188, 114, 115, 117, 294, 323, 342, 353, 332, 333, 337, 395, 504, 506, 120 बी,एवम 3/4 मप्र लोक सम्पत्ति निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था।

          उल्लेखनीय है कि सियासी दल अपनी मांगों को लेकर प्रोटेस्ट के तौर पर प्रदर्शन में जो हिंसक घटना को अंजाम दिए थे,वो ऐतिहासिक घटना थी, उमरिया जिले के किसी भी इलाके में किसी सियासी दल द्वारा कभी ऐसे प्रदर्शन देखने को नही मिला था, प्रदर्शन के दौरान मंच से भी नेताओं ने असंवैधानिक और नफरती वक्तव्य दिए थे, जिसे लोकतंत्र की परिभाषा से परे लोकतंत्र पर कुठाराघात कहा जा सकता है।

हिंसा के बाद से ही पिस्टल बरामदगी को लेकर संवेदनशील थी पुलिस 

          26 सितंबर को हुई हिंसा के पूर्व कार्यक्रम के मुख्य संयोजक राधेश्याम काकोडिया एवम उक्त सियासी दल के जिला अध्यक्ष सूर्यपाल सिंह द्वारा आमजनता को शासन एवम प्रशासन के विरुद्ध भड़काऊ भाषण एवम नारेबाजी की जा रही थी, इसके अलावा व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ कर लूटपाट जैसी वारदात करने की बात कही जा रही थी।  इसके अलावा मंचीय भाषण से सुरक्षा में लगे पुलिस के विरुद्ध भी आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए कहे थे कि पुलिस के विरोध करने पर उन्हें खत्म करके 25 फिट गड्ढा खोदकर गड़ा दो, उक्त बातें सियासी दलों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है, शायद इसी वजह से घटना के बाद बाकी राजनीतिक दलों ने इस घटना की कड़ी भर्त्सना की थी।  पिस्टल जप्ती को लेकर पुलिस 26 सितंबर घटना के बाद से ही संवेदनशील रही है।  इस बीच आधे सैकड़ा गांवों और जंगली रास्तों में सूक्ष्मता से पिस्टल की तलाशी की गई।  कुल मिलाकर पिस्टल की जप्ती के बाद उमारिया पुलिस को बडी सफलता मिली है।  इस बात की तारीफ प्रेस वार्ता के दौरान एडीजीपी श्री सागर ने भी की।  जो उमारिया पुलिस की बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है। 

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