पांच साल तक ऐश करने और जनता को आंख दिखाने वाले नेता, चुनाव आते ही कैसे गिरगिट की तरह रंग बदलने लगे …

Oct 8, 2023 - 11:52
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पांच साल तक ऐश करने और जनता को आंख दिखाने वाले नेता, चुनाव आते ही कैसे गिरगिट की तरह रंग बदलने लगे …

उमरिया। मध्य प्रदेश में बीते 18 सालों से स्थापित रही शिवराज सिंह चौहान की सरकार अब 2023 की चुनाव में अस्थिर दिखाई दे रही है। 18 सालों तक प्रदेश की जनता ने शिवराज सरकार और उनके मंत्री विधायकों को अपने मतदान से सिर पर बिठा रखी थी, लेकिन ईमानदारी से वह सभी नेता स्वयं में सोचे कि उन्होंने जनता के इस सहयोग के लिए उन्हें क्या दिया है? जबकि सभी जानते हैं कि नेता चुनाव जीतने के बाद पूरे 5 साल तक अपने ऐशो आराम में गुजार देते हैं और जब चुनाव का समय आता है तब वह जनता के रोने गिड़गिड़ाने का इमोशनल ड्रामा करने लगते हैं।

          दरअसल मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार और सरकार के मंत्री विधायकों की जनता के बीच जबरदस्त एंटी इनकंबेंसी नजर आ रही है और शायद यही वजह है कि बीते महीना में तमाम संस्थाओं के द्वारा कराए गए सर्वे में बीजेपी को सत्ता से बाहर बताया गया है। हालांकि इस एंटी इनकंबेंसी को खत्म करने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार प्रयास कर रहे हैं वह लगातार जनता के बीच जाकर रही सही कसर को पूरा करने में लगे हैं। लेकिन सरकार के मंत्री और विधायक के चलते शिवराज का यह प्रयास फेल होता दिखाई दे रहा है। 2018 के चुनाव में भी जिस तरीके से प्रदेश की जनता ने भारतीय जनता पार्टी को बाहर का रास्ता दिखाया था उससे भी ज्यादा इस बार 2023 के चुनाव में मंत्री और विधायकों की हालत खराब है। हालांकि बीजेपी आला कमान के द्वारा प्रदेश के कई मंत्री और विधायकों के टिकट काटकर उनकी जगह नए साफ स्वच्छ छवि वाले नेता को टिकट देने के प्रयास में है। बीजेपी पार्टी के द्वारा ऐसा ही एक प्रयास गुजरात राज्य के चुनाव में किया जा चुका है और इसमें उसे सफलता भी मिली है। मध्य प्रदेश के तमाम विधानसभाओं की जनता अब नेता मंत्री विधायकों की इमोशनल ड्रामा समझ चुकी है जनता जानती है कि यह सब चुनावी प्रोपेगेंडा है। चुनाव निकल जाने के बाद यह रोने गिड़गिड़ाने वाले नेता जनता से दूरी बना लेते हैं, और पूरे 5 साल अपने ऐशो आराम और जनता को आंख दिखाने में व्यतीत करते हैं। इसके अलावा मंत्री पर भ्रष्टाचार के भी जमकर आरोप लगे हैं जबकि उक्त मंत्री अपने आप को ईमानदार बताने में लगे हुए हैं। लेकिन नेता यह क्यों भूल जाते हैं कि जनता ने तो आपको सब कुछ दिया है। लगातार 15 सालों से क्षेत्र की जनता पूरा सहयोग करते आई है। लेकिन इसके बदले क्या आपने पूरी ईमानदारी से जनता के प्रति सद्भावना या उनकी जरूरत को ध्यान दिया है। दूसरों पर आरोप लगाने वाले अपने को सबसे बेहतर क्यों मान बैठे हैं। क्या आपके अलावा कोई दूसरा अच्छा और सच्चा नहीं हो सकता,फिर जनता तो सभी के लिए है और वह सबको मौका भी देना चाहती है। नेताओं के द्वारा किए जा रहे इमोशनल ड्रामा को पब्लिक समझ चुकी है, क्योंकि यह पब्लिक है सब जानती है…. यह पब्लिक है…..

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