सोमवती अमावस्या पर सुहागिनों ने की 108 परिक्रमा, पति की लम्बी आयु के लिए रखा व्रत
उमरिया- जेष्ठ माह की अमावस्या तिथि पर पड़ने वाले आज सोमवार को सोमवती अमावस्या ( वट अमावस्या) के दिन वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ में सुहागिन महिलाओं ने जल चढ़ाकर कच्चे सूत को बरगद के पेड़ में सात बार परिक्रमा करते हुए बांधा । वही महिलाओं ने पीपल वृक्ष की भी 108 बार परिक्रमा की।
मान्यता है कि जो महिलाएं इस दिन वट सावित्री व्रत रख कर विधि विधान से पूजा करती हैं. उन्हें अखंड सौभाग्य का फल प्राप्त होता है इसमें सावित्री और सत्यवान की मूर्ति, बरगद का फल, धूप, दीपक, फल, फूल, मिठाई, रोली, सवा मीटर का कपड़ा, बांस का पंखा, कच्चा सूत, नारियल, सिंदूर, अक्षत, सुहाग का सामान, भीगा चना, कलश, जैसी चीजें शामिल होती है। महिलाएं अखंड सुहाग की कामना से प्रतिवर्ष सुहागिन महिलाओं द्वारा ज्येष्ठ मास की अमावस्या को वट सावित्री व्रत रखकर पूजा अर्चना किया गया। बरगद के वृक्ष की पूजा कर महिलाएं देवी सावित्री के त्याग, पतिप्रेम एवं पतिव्रत धर्म का स्मरण करते हुए अपने पति के उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना की ।
ज्ञात हो कि वट सावित्री व्रत रखने वाली महिलाएं स्नान के बाद सुंदर आभूषण और वस्त्र पहन कर इस वृक्ष के नीचे सावित्री और सत्यवान की मूर्ति रखकर विधि-विधान से पूजा कर कच्चे दूध और जल से वृक्ष की जड़ों को सींचकर वृक्ष के तने में सात बार कच्चा सूत लपेटकर परिक्रमा की । इसके अलावा सोमवती अमावस्या पर आज सुहागिनों द्वारा पीपल वृक्ष की पूजा अर्चना कर 108 बार परिक्रमा किया गया। महिलाओं ने पीपल वृक्ष के नीचे धार्मिक अनुष्ठान सम्पादित करते हुए विभिन्न प्रकार के प्रसाद अर्पित कर अपने पति की लम्बी आयु व परिवार में सुख समृद्धि के लिए कामना की।
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