बांधवाधीश मंदिर में जन्माष्टमी के अवसर पर मेला 16 अगस्त को

Aug 14, 2025 - 21:57
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बांधवाधीश मंदिर में जन्माष्टमी के अवसर पर मेला 16 अगस्त को

कमिश्नर महोदया ने व्यवस्थाओं का लिया जायजा

उमरिया।  प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर 16 अगस्त को बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व ताला स्थित बांधवाधीश मंदिर में भव्य मेले का आयोजन किया गया है। मेले की समस्त तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। कमिश्नर शहडोल संभाग श्रीमती सुरभि गुप्ता, कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन, पुलिस अधीक्षक निवेदिता नायडू ने संयुक्त रूप से श्रध्दालुओ के लिए मंदिर तक पहुंचने वाले मार्गाे का अवलोकन किया। इसके साथ ही मंदिर परिसर पहुंचकर आवश्यक व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया। कमिश्नर ने कहा कि मेले के दौरान सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाए।

          निरीक्षण के दौरान वनमंडलाधिकारी विवेक सिंह ने बताया गया कि 16 अगस्त को श्रध्दालुओ को प्रातः 8 बजे से 11 बजे तक प्रवेश दिया जाएगा तत्पश्चात दोपहर 3 बजे से श्रध्दालुओ को मंदिर परिसर से वापसी का समय निर्धारित किया गया है।  मेले के लिए लगभग 350 अधिकारियों, कर्मचारियों की ड्युटी लगाई गई है।  इसके साथ ही राजस्व एवं पुलिस का बल तैनात रहेगा।  मंदिर तक पहुंचने वाले मार्गाे पर जगह जगह डस्टबिन की व्यवस्था की गई है।

          उन्होने बताया कि 8 किमी की पैदल यात्रा के लिए निर्धारित मार्ग बनाए गए हैं ताकि व्यवस्थित आवागमन सुनिश्चित हो और भीड़भाड़ से बचा जा सके। बैरिकेड्स और साइनेज श्रद्धालुओं का मार्गदर्शन करेंगे, और प्रमुख स्थानों पर कर्मचारी तैनात रहेंगे ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके।  मंदिर में भीड़भाड़ से बचने के लिए प्रवेश और निकास के लिए अलग-अलग मार्ग निर्धारित किए गए हैं। मार्ग पर नियमित अंतराल पर अस्थायी चिकित्सा सहायता केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जो प्राथमिक चिकित्सा किट, स्ट्रेचर, और आवश्यक चिकित्सा सामग्री से लैस होंगे। आधार और मंदिर के पास एम्बुलेंस और चिकित्सा टीमें आपात स्थिति के लिए तैयार रहेंगी। कर्मचारियों को गर्मी से संबंधित बीमारियों, निर्जलीकरण, और छोटी चोटों को संभालने के लिए प्रशिक्षित किया गया है, साथ ही आवश्यकता पड़ने पर त्वरित निकासी की व्यवस्था होगी। भीड़ की निगरानी और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वन कर्मचारी और सुरक्षा कर्मी तैनात किए जाएंगे। महत्वपूर्ण स्थानों पर चेकपॉइंट स्थापित किए जाएंगे ताकि निगरानी बढ़ाई जा सके और अप्रिय घटनाओं को रोका जा सके। स्थानीय पुलिस के साथ समन्वय स्थापित किया गया है ताकि किसी भी कानून-व्यवस्था की स्थिति से निपटा जा सके।

          कचरा न फैलाने के लिए सख्त दिशा निर्देश लागू किए जाएंगे, और इसके लिए निर्धारित कचरा संग्रहण स्थल और नियमित सफाई अभियान होंगे। श्रद्धालुओं को रिजर्व के पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने के लिए जागरूक किया जाएगा, जिसमें प्लास्टिक के उपयोग और खुली आग पर प्रतिबंध शामिल हैं। वन कर्मचारी वन्यजीवों की गतिविधियों पर नजर रखेंगे ताकि मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम किया जा सके। 8 किमी के मार्ग पर प्रत्येक 2 किमी पर जल स्टेशन स्थापित किए जाएंगे ताकि श्रद्धालु हाइड्रेटेड रहें। कर्मचारियों, चिकित्सा टीमों, और सुरक्षा कर्मियों के बीच समन्वय के लिए एक समर्पित नियंत्रण कक्ष संचालित होगा। वॉकी-टॉकी और मोबाइल संचार प्रणालियों का उपयोग रियल-टाइम अपडेट और त्वरित प्रतिक्रिया के लिए किया जाएगा। महत्वपूर्ण घोषणाओं और निर्देशों के लिए सार्वजनिक पता प्रणाली स्थापित की जाएगी।

          निरीक्षण के समय सीईओ जिला पंचायत अभय सिंह, सहायक संचालक बीटीआर डी के मराठा, एसडीएम मानपुर टी आर नाग, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीताराम सहित अन्य अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित रहे।

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