जिले के स्कूलों एवं आवासीय विद्यालय का कलेक्टर ने किया आकस्मिक निरीक्षण, दिए आवश्यक निर्देश
शिक्षकों की उपस्थिति, बच्चों की दर्ज संख्या एवं उपस्थिति, शाला प्रबंधन, मध्यान्ह भोजन लिया जायजा.
गौरेला पेंड्रा मरवाही। कलेक्टर श्रीमती लीना कमलेश मंडावी ने पेंड्रा विकासखंड के प्राथमिक शाला आमाडांड, प्राथमिक शाला घघरा, प्राथमिक शाला बेंदरचुवा, प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला पीथमपुर, हायर सेंडरी स्कूल कोड़गार और कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय कोड़गार का आकस्मिक निरीक्षण किया। उन्होनेे शाला समय पर शिक्षकों की उपस्थिति, बच्चों की दर्ज संख्या एवं उपस्थिति, शाला प्रबंधन, मध्यान भोजन और अध्ययन-अध्यापन का जायजा लिया तथा शिक्षकों को आवश्यक निर्देश दिए।
कलेक्टर ने प्राथमिक स्कूलों के बच्चों की कक्षा के अनुरूप ब्लैक बोर्ड पर लिख कर जोड़, घटाव, गुणा, भाग एवं भाषा ज्ञान की जांच की। उन्होने इमला बोलकर बच्चों को कॉपी में लिखवाकर शब्द एवं मात्रा ज्ञान तथा समनार्थी एवं पर्यायवाची शब्द पूछकर उनके ज्ञान की जांच की। उन्होने आमाडांड प्राथमिक शाला में चौथी एवं पांचवी कक्षा के बच्चों की भाषा ज्ञान संतोषप्रद नहीं होने पर वहां लंबे समय से पदस्थ प्रधान पाठक को फटकार भी लगाया और बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में विशेष ध्यान देने कहा।
कलेक्टर ने हायर सेकेण्डरी स्कूल कोडगार मंे 11वीं कक्षा में आर्ट विषय के विद्यार्थियों को अर्थशास्त्र एवं इतिहास विषय से संबंधित सवाल जवाब कर उनके अध्यापन स्तर को परखा। उन्होने बच्चों को पाठ्यक्रम के साथ ही समान्य ज्ञान एवं समसामयिक घटनाओं की जानकारी रखने एवं भविष्य के लिए लक्ष्य निर्धारित करते हुए उसके अनुरूप ज्ञान वर्धन करने की समझाईस भी दी। स्कूलों के निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने शिक्षकों को अपने कर्तव्य के प्रति निष्ठावान रहने तथा समर्पण भाव से बच्चों को ज्ञानार्जन कराने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय कोड़गार का भी निरीक्षण किया। यह आवासीय विद्यालय एक सौ सीटर का है, यहां कक्षा 6 वीं से 8 वीं की बालिकाएं पढ़ाई कर रही हैं। कलेक्टर ने छठवी कक्षा में सामाजिक विज्ञान की पढ़ाई कर रहे बच्चों से शिलालेख, ताम्रपत्र, आदिमानव के बारे में सवाल जवाब कर उनके अध्ययन अध्यापन का जायजा लिया। उन्होने बालिकाओं के शयन कक्ष, रसोई रूम, स्टोर रूम का अवलोकन किया तथा छात्रावास अधीक्षिका से मैन्यू के अनुसार भोजन एवं नास्ता उपलब्ध कराने, बालिकाओं को कराए जाने वाली गतिविधियों, स्पोटर््स सामाग्री, बागवानी, व्यवसायिक प्रशिक्षण आदि के बारे में पूछताछ की। निरीक्षण के दौरान अपर कलेक्टर नम्रता आनंद डोंगरे एवं परियोजना निदेशक डीआरडीए कौशल प्रसाद तेंदुलकर भी मौजूद थे।
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