नाबालिक का अपहरण कर बलात्कार करने वाले आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास
उमरिया। मीडिया प्रभारी (अभियोजन) नीरज पाण्डेय द्वारा बताया गया कि दिनांक 24.05.2019 को पीडिता घर में अकेली थी, मां काम करने बाहर चली गई थी तो सुबह करीब 09:30 बजे उसके रिश्तेदार आरोपीगण आकाश महोबिया एवं बादल महोबिया निवासी बरबसपुर एक सफेद रंग की बुलेरो गाडी से उचेहरा होते हुए बिलासपुर से घुटकू गांव के जंगल में लमेर के आगे खाली खेत में बने टीन के दो कमरे बने थे, उसमें आकश ले जाकर उसे बंद कर दिया और उसका फोन तोड़ दिया था । दूसरे दिन आकाश उसके साथ उसी कमरे में रहा, बगल वाले कमरे में बादल था, आकाश उसके साथ जबरन गलत काम ( बलात्कार) किया, फिर आकाश उसे ताला लगा कर चला जाता था, कमरे की एक चाबी बादल के पास भी रहती थी, बादल भी कमरे में आकर उसके साथ गलत काम ( बलात्कार) करता था । आकाश और बादल दोनो ने उसे कमरे में बंद करके 06 माह तक उसके साथ लगातार बलात्कार किया है । दोनों आरोपीगण पीडिता को जान से मारने की धमकी देकर बोलते थे कि यहां से भागना नही भागी तो जान से मार देंगे । पीडिता आकाश और बादल से बोलती थी कि उसकी उम्र 18 वर्ष नही हुई है, वह नाबालिक है, तब भी आकश महोबिया व बादल महोबिया उसके साथ लगातार गलत काम (बलात्कार) करते थे । दिनांक 26.11.2019 को वह निस्तार के लिए गई थी, तभी वहां पीडिता ने एक बुजुर्ग आदमी से फोन लेकर अपनी मां को फोन करके बताई थी, फिर उसी दिन 26.11.2019 को भी रात करीब 10:00 बजे आकाश महोबिया उसके साथ गलत काम (बलात्कार) किया था । दिनांक 27.11.2019 को पीडिता के पिता, मामा मौसी एवं उसकी मां उसे लेने आये थे तो उसके माता-पिता को देख कर आकाश महोबिया एवं बादल महोबिया दौड कर भाग गये, फिर वह अपने माता पिता के साथ वापस उमरिया आ गई ।
फरियादी द्वारा उक्त आशय की लिखित रिपोर्ट थाना कोतवाली उमरिया में आरोपीगण के विरूद्ध अपराध क्र0 494/2019 अपराध अंतर्गत धारा 376, 376डी, 363, 344, 376(2)(एन) व 506 भादंसं. तथा धारा 5 एल , 6 व 3, 4तथा 5 जी लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध किया जाकर सम्पूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया ।
राज्य की ओर से मामले में जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्रीमती अर्चना रानी मरावी एवं सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री बी0 के0 वर्मा द्वारा सशक्त पैरवी की गयी एवं आरोपी को कठोर से कठोर दण्ड देने का निवेदन किया गया एवं विवेचना अधिकारी उपनिरीक्षक सरिता ठाकुर द्वारा भी अभियुक्त को सजा दिलाने में सहयोग प्रदान किया गया ।
उक्त प्रकरण में माननीय विशेष न्यायाधीश लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 श्री विवेक सिंह रघुवंशी के न्यायालय द्वारा आरोपी बादल महोबिया को भा0द0सं0 की धारा 363 के अंतर्गत 07 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500/- रूपये अर्थदण्ड, भा0द0सं0 की धारा 366 के अंतर्गत 07 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500/- रूपये अर्थदण्ड, भा0द0सं0 की धारा 344 के अंतर्गत 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500/- रूपये अर्थदण्ड , भा0द0सं0 की धारा 376 घ के अंतर्गत 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500/- रूपये अर्थदण्ड , भा0द0सं0 की धारा 376 (2)(ढ) के अंतर्गत 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500/- रूपये अर्थदण्ड , भा0द0सं0 की धारा 506 भाग -2 के अंतर्गत 01 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500/- रूपये अर्थदण्ड तथा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 6 कें अंतर्गत 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500/- के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
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