लोकायुक्त के शिकंजे में फंसा सीएमएचओ, स्टाफ कलेक्टर को बरगला रहा
नर्मदापुरम। सूत्रों के हवाले से भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश चाहिए, परंतु करोड़ों के भ्रष्टाचार को अंजाम दे चुके सीएमएचओ फिलहाल लोकायुक्त से ट्रेप होने के बाद सैटिंगबाज मातहतों के जरिये सुविधा का संतुलन बनाने की मंशा से स्थानीय प्रशासन को बरगलाने की जुगत में देखे गए हैं।
ट्रेप होने के बावजूद अपनी कार्यशैली को साफ सुथरी दर्शाने वाली भ्रष्टाचारी गैंग को आज कलेक्ट्रेट परिसर में ज्ञापन घुमाते हुए देखा गया । हालांकि पत्र देखते ही सुशासन के दृष्टिगत जिला प्रशासन के सजग जिम्मेदारों ने लोकायुक्त की कार्यवाही को जायज ठहराते हुए करप्ट गैंग द्वारा शिकायतकर्ता के विरुद्ध दिए जा रहे ज्ञापन को नजायज ठहराकर पूरी गैंग को बैरंग लौटादिया है।
इस खेल में भ्रष्टाचारियों की बकायदा पूरी गैंग काम कर रही है। कुछ के नाम खुलासे से पहले सामने आना अभी बाकी है।
आपको बता दें कि बीते 2 मई को मुख्यचिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) कार्यालय में लोकायुक्त की 11 सदस्यीय टीम ने छापे की कार्यवाही को अंजाम दिया था जिसमे सीएमएचओ अपनी लेखपाल के साथ 7-हजार की रिश्वतखोरी में ट्रेप हुए थे । फिलहाल कार्यवाही के 2 दिन भी नहीं बीते थे सीएमएचओ दफ्तर से सबूत मिटाने का खेल शुरू हो चुका है ताकि करोड़ों के भ्रष्टाचार पर पूरी सफाई के साथ पर्दा डाला जा सके ।
सूत्रों का दावा है कि करप्ट गैंग को कलेक्ट्रेट रवाना करते ही मोबाईलफोन के जरिये सीएमएचओ डॉ प्रदीप मोजेश ने आनन फानन में गैंग से जुड़े बीएमओस को काले चिट्ठे लेकर अपने पास बुलाया था ताकि सबूत छिपाए जा सके।
ख़बर लिखे जाने तक सूत्रों की माने तो कुछ बीएमओस गैंग फर्जीवाड़े से जुड़ी कैशबुक अपने साथ लेकर सीएमएचओ कार्यालय पहुंचे थे।
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