सब के सब मौन कहाँ गया सुशासन ?
नर्मदापुरम से अभी अभी भ्रष्ट सीएमएचओ को लोकायुक्त टीम ने ट्रेप किया था शर्मनाक ...
*एक संविदा कर्मचारी द्वारा भ्रष्टाचार से जुड़े कई अहम सबूत सिस्टम से उड़ा दिए गए ?
*जिले में संविदा कर्मचारी को आखिर किस आदेश के तहद बीएमओ की जिम्मेदारियां सौंपी गई ?
*अटैचमेंट में भ्रष्टाचार का खेल अभी तक ज्यों का त्यों ?
नर्मदापुरम। आखिर जिले के जिम्मेदारों को ऐसा कौनसा सांप सूंघ गया कि डासना तो दूर फुफकार तक नहीं भर रहे? और इंतजार आखिर है किस बात का? या पूरा सिस्टम ही फिक्स्ड गैम?
आपको बता दें कि नागद्वारी मेला ड्यूटी में स्वास्थ्य विभाग द्वारा भेजे गए चुनिंदा कर्मचारियों में उनकी चहेती महिला स्टाफ ने देशभर में थू थू करवा रखी है । जनचर्चा का विषय है लेकिन जिले के जिम्मेदार अबतक मौन धारण किये हुए है? जिम्मेदारी का एहसास है किसे? जान पड़ता है संभागीय मुख्यालय में बैठे जिम्मेदारों को तनिक भी अपनी जिम्मेदारी का एहसास नहीं है। उठते सवालों को लेकर पचमढ़ी मेला ड्यूटी में स्वास्थ्य विभाग की महिला कर्मचारियों ने अपना ड्रेस कोड एक तरफा रख आखिर पुलिस की वर्दी धारण क्यों की ? आखिर इसके पीछे दोनो महिला कर्मचारियों की मंशा क्या थी? यह गंभीर जांच का विषय बन चुका है। अब सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि आखिर उन महिला कर्मचारियों को पुलिस की वर्दी किसने मुहैया कराई ? क्या देश भर को गुमराह करने स्वास्थ्य विभाग ने यह षड्यंत्र रचा? इन तमाम सवालों ने स्वास्थ्य विभाग से लेकर पुलिस प्रशासन तक गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं ? इतने के बावजूद भी समाचारों के स्वतंत्र प्रकाशन के उपरांत अब कहना पड़ रहा है कि यहां सबकुछ ठीक नहीं?
इतना ही नहीं जिला कलेक्टर का हवाला देकर हठधर्मिता से भ्रष्टाचार को मूर्तरूप देने वाले स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के हौसले पूरी तरह से बुलंद है। भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा है, तमाम नियम कायदों को ताक में रखकर सिविल सेवा आचरण संहिता से लेकर पुलिस मैनुअल की सरेआम धज्जियां उड़ाते देख जिम्मेदार तक मुँह मोड़ रहे इससे ज्यादा शर्मनाक और क्या होगा?
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