बच्चो की गिरफ्तारी का डर दिखाकर ठगी करने के संबंध में जारी एडवायजरी
उमरिया। वर्तमान में एक विशेष प्रकार का सायबर अपराध सामने आया है जिसमें आपके बच्चे जो आपसे दूर रहकर दूसरे शहर में पढाई कर रहे है उनको किसी अपराध में पुलिस द्वारा पकड़ा गया है ऐसा कहकर पैसो की ठगी की जा रही है ।
अपराध की कार्यप्रणाली / MODUS OPERANDI :-
ऐसे परिवार जिनके बच्चे अपने घर से दूर बाहर किसी शहर या विदेश में पढाई / नौकरी कर रहे है उनके घरों में सायबर अपराधियों / जालसाजो द्वारा कॉल / व्हाट्सएप कॉल (जिसकी प्रोफाइल पिक्टर में पुलिस अधिकारी की बर्दी के साथ फेक फोटो लगी होती है) किया जाता है कि वह एक पुलिस अधिकारी बात कर रहा है आपके बच्चे को किसी विशेष बड़े अपराध में पकड़ा गया है । अभी तक कोई कार्यवाही नही हुई है यदि उसे बचाना चाहते हो तो बताई गई राशि किसी खाते या यूपीआई के माध्यम से भेंज दें । अधिकांशतः कॉल बच्चो के कॉलेज / कॉचिंग / नौकरी के बिजी समय पर आते जिस पर माता-पिता या परिवार के अन्य सदस्य द्वारा बच्चो को कॉल करने पर वह कॉल नही उठा पाते और परिवार को सच में लगता है कि बच्चो के साथ बाकई कोई घटना हो गई है । इसके अतिरिक्त सायबर अपराधियों द्वारा नवीन टेक्नोलिजी जैसे AI (Artificial Intelligence) का उपयोग कर बच्चो की हुबहू आवाज कॉल पर सुनाई जाती है जो उनकी बातो की और अधिक पुष्टि करता है कि सच में आपके बच्चो को पकड़ा गया है । इसके पश्चात परिवारजन सायबर अपराधी/ जालसाज जो स्वयं को एक पुलिस अधिकारी बताता है के बताये अनुसार एक बड़ी राशि ट्रांसफर कर देते है ।
आज दिनांक को श्रीमान कलेक्टर महोदय जिला उमरिया के पास भी इस तरह का फ्राड कॉल आया, श्रीमान की सजगता/जागरूकता की वजह से सायबर अपराधी के झांसे में नही आये लेकिन यदि आप उसके झांसे में फंसते है तो प्रकरण में संलिप्त अपराधी के देश के बाहर का होने की संभावना अधिक है जिसे पकडने या ढूढ़ने की संभावना काफी कम है इस स्थिति में आपका जागरूक होना ही एकमात्र बचाव है ।
बचाव के उपाय / PRECAUTION :-
01. अनजान नंबरो से आने वाले कॉल मुख्यतः व्हाट्सएप कॉल / वीडियो कॉल अन्य सोशल मीडिया कॉल न उठाये विशेषकर +92 या अन्य देशो के कोड के साथ आते है या असामान्य नंबर प्रतीत होते है उन्हे तो भूलकर भी अटेंड न करें ।
02. अनजान नंबरो से आये मैसेज / व्हाट्सएप मैसेज पर प्राप्त एप्प या लिंक पर टच न करें न ही उन मैसेज पर विश्वास करें।
03. अनजान व्यक्तियों पर सामान्य तौर पर सीधे विश्वास न करें, उन्हे सामने से अपने एवं अपने बच्चो की जानकारी न दे,हो सकता है वह आपसे जानकारी प्राप्त कर आगे आपके साथ प्राप्त जानकारी के आधार पर जालसाजी करें ।
04. अनजान नंबर से कॉल आने पर जानी पहचानी आवाज सुनाई देने पर भी पहले उस व्यक्ति के संबंध में पूरी जानकारी प्राप्त करें उसके पश्चात ही कुछ बात करें ।
05. अपने परिवार के सदस्यों को इस संबंध में पूर्णतः अवगत करावे ताकि वह इस तरह के सायबर अपराधो से बच सके।
06. सोशल मीडिया पर अपने एवं अपने बच्चो के संबंध में जैसे उनके बाहर पढ़ने एवं रहने की संबंध में किसी भी प्रकार की जानकारी शेयर न करे जालसाज /अपराधी आपकी इसी जानकारियों का फायदा उठाते है ।
07. बच्चो जहां रह रहे है या पढाई कर रहे है वहां के संस्थानो एवं हास्टल /पीजी संचालको के नंबर आवश्यक रूप से अपने पास रखे ताकि जरूरत पडने पर उनके माध्यम से बच्चो की जानकारी ली जा सकें ।
08. सबसे मुख्य ध्यान रखने योग्य बात +92 या इसके जैसे अन्य कोड के साथ शुरू होने बाले फोन नंबर का कॉल / मैसेज पर भूलकर भी ध्यान न देवे साथ ही व्हाट्सएप प्रोफाइल पर लगी पुलिस अधिकारी की फोटो पर विश्वास न करें । अपने व्हाट्सएप की सेटिंग मे अंजान कॉल के नोटिफिकेशन को बंद करके रखे ।
आपके साथ कोई सायबर अपराध घटित होता है तो तत्काल शिकायत अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन एवं सायबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर करें ।
जागरूकता ही सायबर अपराधो से सर्वश्रेष्ठ बचाव है- उमरिया पुलिस द्वारा जनहित में जारी
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