कोर्ट के स्थगन आदेश के बाद भी सहकारी समितियों मे प्रबंधकों को ज्वाइन करने का दिया गया आदेश

Mar 28, 2024 - 22:00
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कोर्ट के स्थगन आदेश के बाद भी सहकारी समितियों मे प्रबंधकों  को ज्वाइन करने का दिया गया आदेश

उमरिया/ नौरोजाबाद। आदिम जाति सेवा सहकारी समिति नौरोजाबाद के अधीनस्थ कार्य कर रही समितियो मे प्रबंधकों की भर्ती प्रक्रिया में सवाल खड़े होने लगे हैं जबकि प्रबंधको की भर्ती प्रक्रिया में स्थगन आदेश लगा हुआ है इसके बाबजूद आदिम जाति सेवा सहकारी समिति के जिला मैनेजर के द्वारा, कोर्ट के स्थगन आदेश को चुनौती देते हुए, समितियों मे प्रबंधको को ज्वाइन करने का आदेश दे दिया गया है।

          आदिम जाति सेवा सहकारी समिति नौरोजाबाद के अधीनस्थ कार्य कर रही समितिया निपानिया, करकेली, कंचनपुर, कौड़िया, रहठा, छादा खुर्द, कल्दा मे प्रबंधकों के नियुक्ति आदेश जारी कर दिए गए है आप सबसे बड़ा सवाल यह उठना लाजमी है की कोर्ट के स्थगन आदेश के बावजूद भी किस तरह नियम कायदे कानून को दरकिनार आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों मे प्रबंधकों की भर्तियां कर ली गईं,अब इसका जवाब खुद विभाग के पास नहीं है वर्तमान में आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों मे जो प्रबंधक पदस्थ हैं उनको यह समझ में नहीं आ रहा है की यह भर्ती प्रक्रिया हुई कैसे?

          सूत्रों के अनुसार समिति प्रबंधक की जिम्मेदारी अगर किसी को दी जाती है तो वह सबसे पहले कार्यलय मे ज्वाइन करेगा, इसके बाद समिति के प्रस्ताव पंजी में हस्ताक्षर करेगा ,अब यह सवाल उठना लाजमी है की एक समिति में दो-दो प्रबंधक कैसे काम करेंगे, वर्तमान में पदस्थ समितियों के प्रबंधकों ने बताया की उन्हें बैंक से जानकारी मिली है की अब उनके जगह किसी अन्य प्रबंधक की आईडी बन गई है लोकसभा चुनाव के कारण आदर्श आचार संहिता जिले मे लागू है आखिर विभाग को क्या ऐसी जरूरत पड़ी की जिले में आदर्श आचार संहिता लागू होने के बावजूद भी प्रबंधकों के ज्वाईनिंगके आदेश जारी कर दिए गए है।

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित शहडोल मे पदस्थ सहायक प्रबंधक, का चलता है आदेश

          यू तो सरकार चाहे कितना भी भ्रष्टाचार खत्म करने का प्रयास कर ले, लेकिन ज़ब कार्यलय प्रमुख ही अपने कार्यलय मे बैठे भ्रष्टाचार के आरोपियों को संरक्षण देने लगे तो, भ्रष्टाचार मुक्त का दावा खोखला ही साबित होता है, ऐसी ही बानगी जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शहडोल में देखने को मिल रही है जहाँ पर उपयंत्री के पद पर पदस्थ एक आला अधिकारी के विरुद्ध कई शिकायत होने के बाबजूद भी वे टस से मस नहीं हुए है

          आदिम जाति सेवा सहकारी समिति बैंक शाखा नौरोजाबाद के अधीनस्थ काम कर रही समितियों मे वर्तमान मे प्रबंधको के होने के बावजूद भी, नए प्रबंधकों की नियुक्ति करना कहां तक उचित है जबकि यह प्रबंधकों की नियुक्ति का मामला हाई कोर्ट जबलपुर में विचाराधीन है इसके अलावा भी जिले मे लोकसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता भी लगी हुई है लेकिन लगता है की जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित शहडोल में सहायक प्रबंधक के रूप मे पदस्थ अधिकारी स्वयं ही नियम बनाते हैं और उसको ही लागू करते है उनको सरकार के नियम और न्यायालय से कोई मतलब नहीं है

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