कभी भी हो सकता है ब्लैकआउट, क्योंकि उत्पादन हो रहा है कम और जिम्मेदार बने हैं अनजान
संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र की एक इकाई बंद और 4 में उत्पादन कम
उमरिया। संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र में अब संकट गहराने लगा है जहां पर उत्पादन कम हो रहा है उत्पादन कम होने का अर्थ है कि बिजली की समस्या कभी भी उत्पन्न हो सकती है लेकिन जिम्मेदार प्रशासन अभी भी उस बात से अनजान बने हुए हैं।
जहा उमरिया जिले के बिरसिंहपुर पाली के मंगठार में स्थित संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र फिर सुर्खियों में आ गया है। जहा इस बार ताप विद्युत केंद्र की एक इकाई लगभग 10 दिनों से बंद है। जिसमे इकाई नम्बर तीन की 210 मेगावाट की युनिट में 20 अप्रैल की शाम 6 बजकर 12 मिनट से फाल्ट के कारण उत्पादन पूरी तरह से ठप्प हो गया है।
जहा बांकी चल रही चार युनिटों में उत्पादन भी कम हो रहा है।जहा लगातार उत्पादन कम होने से बिजली का संकट भी गहरा सकता है। वही संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र में कुल पांच युनिट है। जिसमें 210 मेगावाट की चार और 500 मेगावाट की एक युनिट है।
210 मेगावाट की एक युनिट एक दिन में लगभग 50 लाख युनिट का उत्पादन
विभागीय सूत्रों ने बताया है कि एक दिन में एक 210 मेगावाट की एक युनिट लगभग 50 लाख युनिट का उत्पादन करती है।जहा इकाई नम्बर तीन लगभग दस दिनों से बंद है।और लगभग पांच करोड़ युनिट का बिजली का उत्पादन प्रभावित हो गया है।जिससे कि करोड़ों रुपए का नुक़सान भी हो रहा है। जहा अप्रैल 2023 के महीने में पांचों यूनिटें किसी न किसी कारण बन्द हुई है जो वार्षिक मेंटेनेन्स में हुई लापरवाहियों और निम्न गुणवत्तापूर्ण कार्य की प्रमुख वजह से यूनिटें आये दिन ठप्प हो रहीं है।
जहा प्रबंधन लीपापोती कर मामले को दबाने का प्रयास में लग जाता है, वही संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र में 1340 मेगावाट का केंद्र है।साथ ही उसमें 800 मेगावाट ही उत्पादन हो रहा है। कम लोड मे यूनिट उत्पादन करने के बाद भीं आए दिन यूनिटी ठप हो रही है और इसका जिम्मेदार कौन है ?
source: online.
What's Your Reaction?