आइए जानते हैं इस बार कौन कौन हैं दावेदार

Apr 22, 2023 - 10:50
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आइए जानते हैं इस बार कौन कौन हैं दावेदार

बांधवगढ़ विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक समीकरण बनाने में दोनो दलों के नेता चुनावी साल आते ही सक्रिय नजर आ रहे है। बीते चार पंच वर्षीय कार्यकाल में जनता ने भारतीय जनता पार्टी के नेताओ को मौका देकर अपने क्षेत्र के विकास को लेकर भरोसा जताया था। अब 2023 में विधानसभा चुनाव होने है जिसको लेकर नेता अब जनता को रिझाने गली गली में आसानी से देखे जा सकते है।

उमरिया। जिले के बांधवगढ़ विधानसभा क्षेत्र विधानसभा क्षेत्र मेचुनाव के मद्देनजर नेताओ ने अपनी जमीन टटोलना शुरू कर दिया है। गांव के छोटे से छोटे कार्यक्रमों में आना जाना नेताओ का अब रोज का काम हो गया है। विधानसभा की जनता अब चर्चा कर रही है कि चुनावी साल आते ही ये नेता गली गली की खाक छानते नजर आने लगे है। भारत जोड़ो यात्रा, हाथ से हाथ जोड़ो तो अब विकास यात्रा लोगो को दिखाया जा रहा है। जनता सब देख रही है कि विकास की यात्रा में विकास कहां और कब हुआ है। अगर विकास हुआ है तो लोगो को बताने की क्या जरूरत है? वैसे भी गुरुवार को बांधवगढ़ विधानसभा अंतर्गत जिला मुख्यालय उमरिया में जिला कांग्रेस अध्यक्ष के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने प्रदर्शन करते हुए अपनी ताकत दिखाई।

दो दशक मे इन जनप्रतिनिधियों ने किया राज
          बीते 2 दशक की बात करे तो विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2003 से भाजपा से प्रत्याशी रहे ज्ञान सिंह को उमरिया की जनता ने अपना प्रतिनिधत्व सौंपा, जो 2008 में हुए विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी का परचम लहरा ज्ञान सिंह को दोबारा कमान सौंपी गई थी इनके 2 पंचवर्षीय कार्यकाल के विकास को देख क्षेत्र की जनता ने 2013 के चुनाव में ज्ञान सिंह पर तीसरी बार भरोसा जताया।इसके उपरांत शहडोल संसदीय के लोकसभा उपचुनाव में तत्कालीन विधायक ज्ञान सिंह को लोकसभा उपचुनाव भारतीय जनता पार्टी ने लड़ाया जिसमें उन्हें विजयश्री हासिल हुई और उनके सांसद बनने के उपरांत बांधवगढ़ विधानसभा में विधानसभा उपचुनाव हुआ ज्ञान सिंह के स्थान पर बांधवगढ़ से उनके पुत्र शिव नारायण सिंह को भाजपा से चुनाव लड़ाया गया और वहां से शिव नारायण सिंह विजई रहे। वर्ष 2018 में विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी ने दोबारा शिव नारायण सिंह को टिकट प्रदान की और वे चुनाव जीतने में सफलता अर्जित की। अब 2023 में चुनाव होना है देखना होगा कि जनता अपने लिए किस दल का नेता चुनती है। बहरहाल वर्तमान विधायक और विधानसभा के कांग्रेस प्रत्याशी जनता के शरण में नजर आ रहे है। देखना होगा कि पार्टी इन पर भरोसा जताती है या नही?

कांग्रेस से इनकी रहेगी युवा दावेदारी
          बांधवगढ़ विधानसभा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है जिसके कारण यहां पर अनुसूचित जनजाति वर्ग की सीट आरक्षित रहती है। अगर निवर्तमान कांग्रेस प्रत्याशी सावित्री सिंह को छोड़कर बात की जाय तो युवा चेहरे में कांग्रेस से सतीलाल बैगा है जो वर्तमान में नगर पंचायत नरोजाबाद के पार्षद है और पूर्व में निर्दलीय रूप में विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं । पूर्व ब्लॉक शिक्षा अधिकारी रहे और सेवानिवृत्त होने के पश्चात कॉन्ग्रेस से राजनीति कर रहे बाला सिंह टेकाम का नाम भी संभावित दावेदारों में है। इंजीनियर विजय कोल जो क्षेत्र में आदिवासी नेता के रूप में पहचान रखते है और युवा चेहरा है । बहरहाल पूर्व कांग्रेस प्रत्याशी सावित्री सिंह एवं इन युवा नेताओ में पार्टी किस पर दांव लगाती है ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। बताया जाता है कि बांधवगढ़ विधानसभा सीट में 3 पंचवर्षीय कार्यकाल में कांग्रेस पार्टी ने टिकट प्रदान करने में सावित्री सिंह को दोबारा टिकट दिया।

भाजपा से इन युवा चेहरों की होगी दमदार दावेदारी
          2023 में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में बांधवगढ़ से भाजपा की बात की जाए तो विधायक शिव नारायण सिंह को छोड़कर युवा चेहरों में सबसे पहला नाम अर्जुन सिंह सैयाम का आता है जो वर्तमान में जिला पंचायत सदस्य है और वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के जिला के महामंत्री हैं। तीसरा नाम भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की अध्यक्ष कुसुम सिंह का है वकालत की डिग्री हासिल की हुई है,युवाओं में अच्छी खासी पैठ है,इनकी पकड़ आशा कार्यकर्ताओं में एवं क्षेत्र में अंतिम पंक्ति के व्यक्तियों में खासी है पूर्व में जनपद पंचायत करकेली के अध्यक्ष रह चुकी हैं ।पार्टी में इनकी सक्रिय भूमिका है, दावेदारी करने वालों में भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश मंत्री राजेंद्र कोल का आ रहा है। बहरहाल इन संभावित दावेदारों में पार्टी किस पर दांव लगाती है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा या फिर वर्तमान विधायक शिव नारायण सिंह पर तीसरी बार पार्टी भरोसा जताएगी।

जनता के पास तीसरा विकल्प भी मौजूद
          इस बार 2023 विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी भी ताल ठोंकने को तैयार है जैसे जैसे चुनाव का समय नजदीक आयेगा वैसे वैसे इन पार्टियों की दावेदारी के साथ तस्वीर साफ होते जाएगी कि कौन किस पार्टी का समीकरण बिगाड़ेगी और जनता किस पर अपना भरोसा जता अपना प्रतिनिधित्व का दायित्व सौंपेगी।

Source  : online. 

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