स्मैक का सेवन करने वालों के विरुद्ध हुई कार्रवाई
उमरिया। जिले में निरंतर अवैध मादक पदार्थों का सेवन और बिक्री बढ़ती जा रही है, इस पर कोई भी लगाम लगता नजर नही आ रहा है। हालांकि कोतवाली पुलिस अवैध मादक पदार्थ का सेवन करने वाले आरोपियों के विरूद्ध कार्रवाई की है।
02 आरोपियों के विरूद्ध धारा 08/27 NDPS Act के तहत की गई कार्यवाही कर प्रकरण में 0.300 मिलीग्राम स्मैक, स्मैक के सेवन में प्रयुक्त सामग्री व 01 मोटरसायकल जप्त की गई है।
पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में कोतवाली पुलिस द्वारा मुखबिर की सूचना के आधार पर एक काले रंग की मोटरयाकल में 02 व्यक्ति शहडोल से उमरिया आ रहे है, मोटर सायकल में ही अवैध मादक पदार्थ स्मैक छुपाकर रखे हुये है, पर त्वरित कार्यवाही करते हुये खलेसर नाका के पहले सागौन के जंगल में उक्त संदिग्ध वाहन प्लेटिना मोटरसायकल खड़ी मिली, सागौन के जंगल के अंदर 02 लोग एक चमकीले कागज़ में कुछ पदार्थ रखकर सूंघकर सेवन कर रहे थे जो कि पुलिस को देखकर भागने लगे जिसे पुलिस द्वारा प्रयास कर पकड़ा गया। पकड़े जाने के बाद नाम पता पूछने पर दोनो ने अपना नाम क्रमशः अरूण उर्फ चीकू वर्मन उम्र 23 साल निवासी उमरिया व जानी अनंत उम्र 19 साल निवासी उमरिया बताया। दोनो आरोपिया द्वारा बताया गया कि चमकीले कागज में स्मैक रखकर माचिस की तीली से जलाकर सिगरेट की तरह इस्तेमाल कर रहे थे। आरोपियो की तलाशी लेने पर आरोपी के कब्जे से एक सफेद रंग की पुडिया के अंदर भूरे रंग का पदार्थ मिला जिसे वह स्मैक होना बताया, तत्पश्चात आरोपी के मोटरसायकल की तलाशी ली गई जिससे कोई पदार्थ नही मिला।
आरोपियो के कब्जे से 0.30 मिलीग्राम स्मैक, उसके सेवन हेतु प्रयुक्त सामग्री व आरोपियों द्वारा उपयोग की गई मोटर सायकल जप्त कर आरोपियो के विरुद्ध थाना कोतवाली में धारा 08/27 NDPS Act के तहत वैधानिक कार्यवाही की गई। मामले मे विवेचना जारी है अन्य किसी की संलिप्ता पाये जाने पर उसके विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जावेगी। उपरोक्त कार्यवाही में निरीक्षक राघवेन्द्र तिवारी, उनि वालेन्द्र शर्मा, सउनि बृजेश सिंह, सउनि रावेन्द्र तिवारी, प्रआर दिलीप गुप्ता, आर. प्रमोद जाटव, आर. चा. शिशुपाल थाना कोतवाली व सायबर सेल से संदीप सिंह का विशेष योगदान रहा।
गौरतलब है कि उमरिया जैसे जिले में स्मैक का व्यापार होना बड़ी बात है, यदि यही हाल रहा तो युवा पीढ़ी नशे के गिरफ्त में पड़ कर कोई भी अपराध को अंजाम दे सकती है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि यदि युवा पीढ़ी को बचाना है तो जिले में स्मैक कहाँ से सप्लाई होता है इसका पता लगा कर कार्रवाई करना आवश्यक है।
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