स्कूल की किताबें, यूनिफार्म व अन्य सामग्री एक ही दुकान से मिलने पर मंहगाई का बोझ सह रहे अभिभावक
जिले भर के हजारों विधार्थियों की अपील
उमरिया। एक विद्यालय एक दुकान से चलता है कमीशन खोरी का ईमानदारी वाला धंधा। यह यहां बस नहीं, अपितु पूरे मध्यप्रदेश में चल रहा है। स्कूल संचालक स्वयं डीलर बने बैठे हैं और दुकान वाले को सब डीलर बना आड़ में झाड़ गाड़ रहे हैं। कहने को शिक्षा का मन्दिर अब केवल व्यवसाय बन गया है। इस पर न तो जिला के जिम्मेदार अधिकारी ध्यान दे रहे हैं न ही जनता के हितुआ।
सभी स्कूलों में विद्यार्थी किसान,मजदूर,व्यापारी,पत्रकार और कर्मचारी के बच्चें हैं। जहां सब छात्र छात्रा एक ही दुकान से महंगी दामों में पुस्तक, यूनिफॉर्म, बेल्ट, टाई, शूज खरीदने को मजबूर हैं। क्योंकि सामग्री किसी अन्य दूसरी दुकान में नहीं प्राप्त होती। सामग्री एक ही दुकान में मिलने के कारण हजारों छात्र महगें दामों में शिक्षण संबंधित सामग्री खरीदने को मजबूर हैं । कुछ निजी संस्थान के विद्यालय प्रबंधन दुकानदार से सांठ गांठ कर ऐसा करते हैं।
इस मामले से अभिवावक को निजात दिलाने की कृपा करे जिले के मुखिया से निजी संस्थान के विधार्थियों का विनम्र निवेदन है कि इस कमीशन खोरी के धंधे से अभिभावकों को निजात दिलाए जाने हेतू उचित कार्रवाई करे, जिससे सभी को उचित दर से किताबें, स्तेशनरी मिल सके।
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