एमपी में विदेशी फंडिंग का दुरुपयोग, प्रदेश के 120 से अधिक NGO की फॉरेन राशि के इस्तेमाल में भूमिका संदिग्ध, 54 एनजीओ का पंजीयन रद्द
भोपाल। मध्यप्रदेश में बड़े पैमाने पर गैर सरकारी संगठन को हो रही फॉरेन फंडिंग का गलत इस्तेमाल हो रहा है। प्रदेश के 120 से अधिक एनजीओ की फॉरेन फंडिंग के इस्तेमाल के मामले में भूमिका संदिग्ध है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के बाद मध्य प्रदेश में 54 एनजीओ का पंजीयन रद्द किया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने वर्ष 2019-20 से वर्ष 2021-22 के बीच 730 करोड़ रुपये फॉरेन फंडिंग का मध्यप्रदेश के एनजीओ ने गलत इस्तेमाल किया। सबसे ज्यादा मिशनरीज और इस्लामिक स्कॉलर से जुड़े हुए एनजीओ रडार पर है। जिन्होंने फॉरेन फंडिंग का गलत उपयोग किया।
दरअसल, कई संस्थाएं जिस काम के लिए विदेश से राशि प्राप्त करती हैं उसकी जगह दूसरे काम में उसका उपयोग करते हैं। इस राशि के गबन के मामले भी सामने आ चुके हैं। जिसके चलते केंद्र ने भी इस पर सख्ती की है।
NGO की मान्यता रद्द होने पर सियासत शुरू
मध्य प्रदेश में फॉरेन फंडिंग करने वालों की मान्यता रद्द होने पर सियासत गरमा गई है। एनजीओ की मान्यता रद्द होने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मानक अग्रवाल ने कहा कि ये बीजेपी की तुष्टीकरण की नीति है। जिसके चलते इन्होंने ने एनजीओ की मान्यता रद्द की है। हर चुनाव के पहले यही होता है और आने वाले चुनाव में लोग इनको इन्हीं फैसलों के चलते सबक सिखाएंगे।
बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने इस पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि यह सभी कांग्रेसी एनजीओ और इनका काम मध्यप्रदेश में धर्मांतरण करना लव जिहाद को बढ़ावा देना है। जहां भी दंगे होते हैं। हिंदू को ईसाई मुस्लिम बनाने का काम, धर्मांतरण का खेल यही एनजीओ करते हैं। ये “एनजीओ कांग्रेस”है..इन्ही पैसे से कांग्रेस हिन्दुओं के खिलाफ खेल खेलती है।
Source: online.
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