नाबालिक बेटी से बलात्कार करने वाले कलयुगी पिता को डीएनए के आधार पर आजीवन कारावास

Feb 5, 2023 - 12:08
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नाबालिक बेटी से बलात्कार करने वाले कलयुगी पिता को डीएनए के आधार पर आजीवन कारावास

उमरिया।   मीडिया प्रभारी (अभियोजन) एडीपीओ  नीरज पाण्डेय द्वारा बताया गया कि दिनांक 31.03.2021 को रेल्वे स्टेशन इन्दौर प्लेटफार्म नंबर 4 पर पीडित बालिका असुरक्षित अवस्था में प्राप्त हुई । रेल्वे स्टेशन इंदौर में ललिता पटेल रेल्वे चाईल्ड में टीम सदस्य के रूप में तैनात थी। सी.डब्ल्यू.सी. उज्जैन के आदेशानुसार पीडिता को मेडिकल उपरान्त राजकीय बाल आश्रम छावनी में रखा गया।  पीडिता को रेलवे स्टेशन लाकर उसकी काउंसलिंग किये जाने पर पीडिता ने बताया कि होली की रात्रि  29 मई 2021 को रात्रि के समय जब पीडिता की मां और दोनो भाई नानी के घर गये थे। तब घर पर अकेली टी.व्ही. देख रही थी , उसी समय उसके पिता घर के अन्दर आकर बोले कि टी. व्ही. बन्द करके सो जाओ तो पीडिता टी. व्ही. बंद कर सोने चली गई,  कुछ ही देर बाद उसके पापा पास आकर लाईट बन्द कर उसका हाथ पकड कर गलत हरकत (बलात्कार) किया  तब उसने अपने बचाव में अपने पापा को गाल में काट दिया । पापा उसके साथ गलत हरकत (बलात्कार) करने के बाद बाहर चले गये, पापा ने उसके साथ ऐसीं हरकत (बलात्कार) कई बार की है । पीडिता द्वारा यह घटना अपनी मां को बताने पर मां के द्वारा नजर अंदाज कर दिया गया। पीडिता की शिकायत पर जी आर पी थाना इंदौर में अभियुक्त के विरूद्ध धारा 376 (2) पी भादंसं 3/4  पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत मामला पंजीबद्ध किया गया एवं श्रेत्राधिकार पाली थाना जिला उमरिया का होने के कारण मामला पाली थाना अंतरित किया गया। पीडिता द्वारा यह भी बताया गया था कि उसका आरोपी पिता उसके छोटे भाईयों के साथ मारपीट करता था, इस कारण पीडिता अपने दोनो छोटे भाइयों को लेकर इंदौर चली आई थी।  न्यायालय में पीडिता एवं उसकी मां ने आरोपी पिता द्वारा किसी भी प्रकार का बलात्कार किये जाने की घटना से इंकार किया और पीडिता के द्वारा बताया गया कि उसके आरोपी पिता द्वारा उसके साथ किसी भी प्रकार का गलत शारिरिक संबंध नही बनाया गया है। प्रकरण में अभियोजन द्वारा पीडिता का चिकित्सकीय परीक्षण कराये जाने के पश्चात् डीएनए जांच करवायी गयी जिसमें पीडिता के साथ अभियुक्त पिता द्वारा किये गये शारीरिक संबंध की पुष्टि हुई । अभियोजन द्वारा डीएनए जांच एवं पुलिस विवेचना के आधार पर ही अभियुक्त को दोषसिद्ध करवाया गया।
          राज्य की ओर से मामले में जिला लोक अभियोजन अधिकारी अर्चनारानी मरावी एवं सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी बी0 के0 वर्मा द्वारा सशक्त पैरवी की गयी एवं आरोपी को कठोर से कठोर दण्ड देने का निवेदन किया गया ।  उक्त प्रकरण में विशेष न्यायाधीश विवेक सिंह रघुवंशी के न्यायालय द्वारा आरोपी पुरूषोत्तम उर्फ लल्लू पनिका को भा0दं0सं0 की धारा 376 (2)(एफ), (ढ) के अंतर्गत आजीवन कारावास एवं कुल 1000 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया ।

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