चार साल पहले खोया बच्चा खोजने में आधार कार्ड बना मददगार

Jan 9, 2023 - 07:09
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चार साल पहले खोया बच्चा खोजने में आधार कार्ड बना मददगार

उमरिया।  आधार कार्ड के कई फायदे है. किसी व्यक्ति की यूनिक पहचान से लेकर शासकीय योजनाओं का लाभ लेने में आधार कार्ड ही उपयोग में आता है, लेकिन आज कल इससे गुमशुदा को मिलाने का काम भी हो रहा है। हम कह सकते है कि यह केवल एक कार्ड नहीं है बल्कि एक ऐसा डॉक्यूमेंट बन चुका है जिसके जरिए आप कहीं भी हो, आपकी पहचान कभी भी खत्म नहीं हो सकती.यहां हम आपको आधार कार्ड के मानवीय पक्ष से जुड़ी एक वास्तविक स्टोरी बताने जा रहे है। सतना में आधार कार्ड 4 साल से बिछड़े एक मासूम दिव्यांग बच्चे को अपने परिजनों से मिलाने में बहुत बड़ा आधार बना। दरअसल परिवार से बिछड़कर सतना पहुंचे मानसिक दिव्यांग ऋषभ को आधार कार्ड ने उसके परिवार से दोबारा मिलवा दिया। बीते 4 सालों से बाल कल्याण समिति रीवा में फिर 1 साल बाद ऋषभ इंदौर शिफ्ट हो गया था। यह बच्चा 4 साल पहले उमरिया जिले के पथरहटा गांव से गुमशुदा हो गया था। ऋषभ कुछ माह बाद सतना स्टेशन में मिला लेकिन मुख बधिर ऋषभ कुछ बोल नहीं पा रहा था। सतना जीआरपी पुलिस ने जांच पड़ताल की लेकिन किशोर का कुछ पता नहीं चला तो उसे रीवा बालगृह पहुंचाया, जहां उसकी देखरेख की गई।
          ऋषभ के परिजन उमरिया कोतवाली में गुमषुुदगी दर्ज कराई थीं और अपने स्तर पर हर जगह तलास की मगर कोई सुराग नही मिला। परिजन हताश होकर घर के चिराग के मिलने की उम्मीद छोड़ दी। लेकिन अचानक एक फोन ने उनकी उम्मीद को जिंदा कर दिया। 15 दिन के इंतजार के बाद घर का चिराग उन्हें मिल भी गया। ये सब फिंगरप्रिंट की मदद से हुया। दरअसल ऋषभ जब 7 साल का था तब परिजनों ने  ऋषभ का आधार कार्ड बनवाया था। कंप्यूटर मेमोरी में ऋषभ का फिंगर प्रिंट सेव था। इंदौर में ऋषभ का बाल कल्याण समिति ने आधार कार्ड बनाने की कोशिश की मगर फिंगर प्रिंट सेप्ट नही हो रहा था। फिर अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर जब फिंगर प्रिंट का मिलान किया गया तो किशोर ऋषभ का फिंगर प्रिंट 7 साल पहले आधार कार्ड से मिलान हुया। नाम पता और पिता का नाम की जानकारी हुई। आधारकार्ड में लिखा मोबाइल नम्बर से जब संपर्क किया गया तब इस बात का खुलासा हुया की 4 साल पहले ऋषभ गुम हो चुका था। कानूनी कार्यबाही के बाद ऋषभ को उसके परिजनों को सौप दिया गया। ऋषभ भी  परिजनों को देख खिलखिला उठा, और परिजनों के आखों में खुषी के आंसू निकल पड़े।  

           सतना बाल कल्याण समिति ने  एक कार्यक्रम आयोजित कर ऋषभ को परिजनों को सौप दिया। ऋषभ के परिजनों में खुशी का ठिकाना नही रहा। टीम को साधुबाद दी बही बाल कल्याण समिति के सदस्य भी कभी खुश नजर आए और एक मूक बधिर किशोर को उसके परिजनों को सौप गर्व महसूस कर रहे।

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