भदार नदी में अवैध रेत उत्खनन और जिले भर में अवैध शराब बिक्री पर रोक की मांग
कांग्रेस कमेटी ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
उमरिया। भदार नदी व आसपास की अन्य नदियों में तेजी से बढ़ रहे अवैध रेत उत्खनन, पूरे जिले भर के गांवों में फैलती अवैध शराब बिक्री (पैकारी) तथा सलैया–मोड़गुड़ी–पड़वार के बीच पुल निर्माण से संबंधित समस्याओं को लेकर आज कांग्रेस कमेटी उमरिया का प्रतिनिधि मंडल कलेक्टर से मिला।
प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व जिला कांग्रेस कमेटी उमरिया के अध्यक्ष इंजी विजय कोल ने किया। उन्होंने कलेक्टर को सौंपे गए लिखित ज्ञापन में कहा कि भदार नदी एवं क्षेत्र की अन्य नदियों से हो रहा अवैध रेत उत्खनन न केवल पर्यावरण और नदी संरचना के लिए हानिकारक है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों की सड़क सुरक्षा और जल संरक्षण पर भी गंभीर प्रभाव डाल रहा है। भदार नदी के अंदर कई किलो मीटर तक पत्थर बोल्डर से सड़क बनाकर भारी वाहनों के माध्यम से रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन हो रहा है जो सीधे तौर पर कानूनों की धज्जियां उड़ाई जा रही है इसके अतिरिक्त, उसी क्षेत्र में, जो कि पर्यावरण संवेदनशील बफ़र ज़ोन के अंतर्गत आता है, वहाँ से अवैध रूप से भारी वाहनों द्वारा रेत का परिवहन एवं खनन किया जा रहा है। इन गतिविधियों से— नदी की प्राकृतिक धारा बाधित हो रही है,बफ़र ज़ोन के पर्यावरणीय संतुलन को क्षति पहुँच रही है, वन्यजीव संरक्षण क्षेत्र प्रभावित हो रहा है, भू-क्षरण, प्रदूषण और जैव-विविधता को गंभीर हानि हो रही है। यह सब कार्य पूर्णतः गैरकानूनी और दंडनीय हैं। अतः निम्न कानूनी धाराएँ स्पष्ट रूप से लागू होती हैं— पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा 7 – पर्यावरण को हानि पहुँचाने वाली प्रतिबंधित गतिविधि, धारा 8 – बिना अनुमति पर्यावरण प्रभावित करने वाली गतिविधि, धारा 15 – उल्लंघन पर 5 वर्ष तक का कारावास या जुर्माना। जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 धारा 24 – जल स्रोत को प्रदूषित/प्रभावित करना, धारा 43–44 – अवैध भराव, निर्माण और जलमार्ग बाधित करना।
भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत धारा 270 – सार्वजनिक उपद्रव, धारा 279 – जल स्रोत को प्रदूषित करना, असंज्ञेय अपराध तथा धारा 326(A)– नदी/जलमार्ग को नुकसान पहुँचाना (संज्ञेय अपराध), जिसके तहत 5 वर्ष की सजा का प्रावधान है तथा खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957 (MMDR Act) ke तहत धारा 4(1) – बिना अनुमति खनन/रेत परिवहन अवैध, धारा 21 – अवैध रेत परिवहन पर वाहन ज़ब्ती + दंड। वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 (यदि बफ़र ज़ोन वन क्षेत्र से संबंधित है) के तहत धारा 29/30/33 – वनों/बफ़र ज़ोन में पर्यावरण को क्षति पहुँचाना दंडनीय।
ज्ञापन में पूरे उमरिया जिले में गांव गांव अवैध शराब बिक्री पर भी तत्काल रोक लगाने की मांग की गई। प्रतिनिधि मंडल ने कलेक्टर को अवगत कराया कि गांव-गांव में फैली अवैध पैकारी से युवा वर्ग प्रभावित हो रहा है और कानून-व्यवस्था की स्थिति पर नकारात्मक असर पड़ रहा है।
मानपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत सलैया–मोड़गुड़ी–पड़वार मार्ग के बीच नए पुल निर्माण की मांग की गई। जिससे संबंधित ग्राम पंचायतों के स्कूली छात्र छात्राओं को पड़वार शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में आने जाने में सुगमता हो जाएगी।
इंजी विजय कोल ने कहा कि यदि प्रशासन समय रहते कदम नहीं उठाता है, तो क्षेत्र की जनता आंदोलन के लिए बाध्य होगी। उन्होंने कलेक्टर से मांग की कि अवैध उत्खनन व शराब बिक्री पर तत्काल प्रतिबंध लगाकर जिम्मेदार व्यक्तियों पर कड़ी कार्यवाही की जाए तथा मानपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत सलैया–मोड़गुड़ी–पड़वार मार्ग के बीच नए पुल निर्माण की मांग को पूरी की जाए। कलेक्टर ने ज्ञापन प्राप्त कर आवश्यक कार्यवाही का आश्वासन दिया। कांग्रेस प्रतिनिधि मंडल में जिला संगठन महासचिव पुष्पराज सिंह, पिछड़ा वर्ग कांग्रेस जिलाध्यक्ष मिथलेश राय, उमरिया कांग्रेस कमेटी ब्लॉक अध्यक्ष शिशुपाल यादव, वीरेंद्र सिंह सेंगर, नीरज सिंह सहित पार्टी पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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