एन.एस.यू.आई. की बड़ी जीत– कमलभान सिंह की प्रतिनियुक्ति समाप्त, उमरिया कॉलेज में हुई पुनः पदस्थापना

Feb 26, 2025 - 10:08
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एन.एस.यू.आई. की बड़ी जीत– कमलभान सिंह की प्रतिनियुक्ति समाप्त, उमरिया कॉलेज में हुई पुनः पदस्थापना

उमरिया। उमरिया और शहडोल जिले के लिए एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है। एन.एस.यू.आई. जिला उमरिया द्वारा सौंपे गए ज्ञापन के बाद कमलभान सिंह, लेखापाल की प्रतिनियुक्ति समाप्त कर दी गई है, और उन्हें शासकीय आर.व्ही.पी.एस. स्नातकोत्तर महाविद्यालय उमरिया में पुनः पदस्थ किया गया है। यह फैसला मध्यप्रदेश शासन, उच्च शिक्षा विभाग द्वारा लिया गया है, जिससे उमरिया कॉलेज के प्रशासनिक और लेखा संबंधी कार्यों में आई रुकावट अब समाप्त हो जाएगी। इस फैसले को एन.एस.यू.आई. उमरिया और शहडोल इकाई की बड़ी जीत माना जा रहा है।

क्या है पूरा मामला

          दरअसल, शासकीय आर.व्ही.पी.एस. स्नातकोत्तर महाविद्यालय उमरिया जिसे प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस के रूप में उन्नत किया गया है, वहां लंबे समय से शैक्षणिक और अशैक्षणिक पदों की रिक्तता बनी हुई थी।एन.एस.यू.आई. जिला उमरिया के अध्यक्ष मो. असलम शेर ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए मध्यप्रदेश शासन के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार, अपर मुख्य सचिव, उच्च शिक्षा विभाग, आयुक्त उच्च शिक्षा, कलेक्टर उमरिया और कॉलेज प्राचार्य को ज्ञापन सौंपा था। इस ज्ञापन में मुख्य लिपिक, लेखापाल, सहायक ग्रेड-2 और सहायक ग्रेड-3 के पदों को शीघ्र भरने की मांग की गई थी। विशेष रूप से कमलभान सिंह, लेखापाल की प्रतिनियुक्ति समाप्त कर उमरिया कॉलेज में पुनः पदस्थ करने की मांग प्रमुख रूप से रखी गई थी।

कमलभान सिंह की प्रतिनियुक्ति क्यों थी विवाद का कारण?

          2017 में कमलभान सिंह की पदस्थापना उमरिया महाविद्यालय में हुई थी, लेकिन उसी वर्ष उच्च शिक्षा विभाग ने उन्हें एक वर्ष के लिए पं. शंभूनाथ शुक्ल विश्वविद्यालय शहडोल में प्रतिनियुक्त कर दिया। यह प्रतिनियुक्ति बार-बार बढ़ाई जाती रही, जिससे उमरिया कॉलेज में लेखापाल के अभाव में प्रशासनिक और वित्तीय कार्य प्रभावित होने लगे। 2022 में उच्च शिक्षा विभाग ने उनकी प्रतिनियुक्ति समाप्त करने का आदेश जारी किया, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने कमलभान सिंह को भारमुक्त करने में टालमटोल किया। इससे कई समस्याएं उत्पन्न हुईं: 1. कॉलेज में लेखापाल की अनुपस्थिति के कारण वित्तीय और प्रशासनिक कार्य प्रभावित हुए। 2. सेवानिवृत्त क्रीड़ाधिकारी की पेंशन प्रक्रिया में बाधा आई। 3. महाविद्यालय प्रशासन के समक्ष कई वित्तीय दिक्कतें आईं। *एन.एस.यू.आई. के ज्ञापन का असर सरकार की त्वरित कार्रवाई* एन.एस.यू.आई. उमरिया ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया, जिससे प्रदेश के प्रमुख समाचार पत्रों ने भी इस खबर को प्रकाशित किया। इसके बाद उच्च शिक्षा विभाग ने 14 फरवरी 2025 को तत्काल प्रभाव से कमलभान सिंह की प्रतिनियुक्ति समाप्त करने का आदेश जारी किया। *आदेश के अनुसार* कमलभान सिंह को तुरंत पं. शंभूनाथ शुक्ल विश्वविद्यालय शहडोल से मुक्त कर शासकीय आर.व्ही.पी.एस. महाविद्यालय उमरिया में कार्यभार ग्रहण करने का निर्देश दिया गया। इस फैसले से कॉलेज के प्रशासनिक और वित्तीय कार्यों में तेजी आएगी और लंबित कार्यों का निपटारा संभव होगा।

एन.एस.यू.आई. बड़ी जीत

          इस निर्णय से एन.एस.यू.आई. जिला उमरिया में हर्ष का माहौल है। एन.एस.यू.आई. जिलाध्यक्ष मो. असलम शेर ने इस फैसले को छात्रों और कॉलेज प्रशासन की बड़ी जीत बताया। उन्होंने कहा कि – "हमने इस मुद्दे को पूरी गंभीरता से उठाया, क्योंकि उमरिया महाविद्यालय जिले का सबसे बड़ा कॉलेज है और यहां के प्रशासनिक कार्य बाधित होने से हजारों छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। सरकार द्वारा हमारी मांग को मानते हुए त्वरित निर्णय लिया गया, यह एन.एस.यू.आई. की जीत है।"

क्या यह एन.एस.यू.आई. की जीत भविष्य में भी बदलाव ला पाएगी? 

          इस मामले ने साबित कर दिया कि यदि छात्र संगठन और समाज एकजुट होकर न्यायपूर्ण मांगों को उठाते हैं, तो सरकार को निर्णय लेने पर मजबूर होना पड़ता है।=आगे भी एन.एस.यू.आई. जिला उमरिया छात्रों और शैक्षणिक संस्थानों की समस्याओं को इसी तरह जोरदार तरीके से उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।

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