"प्रेम प्रसंग" में गई युवक की जान

Jan 7, 2025 - 23:02
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"प्रेम प्रसंग" में गई युवक की जान

नारायण हत्याकांड का एसपी ने किया खुलासा, लड़की के बाप ने की थी निर्मम हत्या

उमरिया।  नारायण बैगा हत्या कांड का प्रेस वार्ता कर एसपी निवेदिता नायडू ने एक दिन बाद ही पूरे मामले का खुलासा किया है, इस मामले में आरोपी गांव का ही मोहन पिता बाबादीन सिंह उम्र 45 निवासी अगनहुडी है, जो पेशे से मजदूर रहा है।  घटना दिनांक रविवार को जब वो मजदूरी कर वापस गांव पहुंचा तो अपनी बेटी को मृतक के साथ घर के नजदीक एक झोपड़ी में देखा, जिसके बाद आरोपी पिता गुस्से में आकर मृतक के सर पर डंडा मारा, जिससे वह मौके पर ही अचेत हो गया, बेटी उधर से भाग गई, बाद में आरोपी ने एक बड़े पत्थर को सर पर मारा, जिससे अचेत नारायण बैगा मौके पर ही अत्यधिक रक्तस्राव होने से दम तोड़ दिया, बाद में आरोपी पिता ने एक सफेद बोरी की मदद से शव को कांधे में रखा और पास ही दलपत सिंह के खेत में फेंक आया।  रविवार की रात घटना कारित कर आरोपी पिता सुबह पुनः मजदूरी करने उमरिया आ गया।  बाद में पुलिस इन्वेस्टिगेशन में आरोपी संदिग्ध दिखा, जिसके बाद संदिग्ध मोहन सिंह से कड़ी पूछताछ की गई, जिसमे पूरी वारदात को कारित करने का उसने खुलासा किया।  कुल मिलाकर अवैध सम्बन्ध के चलते नारायण बैगा की हत्या कर आरोपी पिता ने मौत की नींद सुला दिया।

          बताया जाता है कि मृतक नारायण बैगा अक्सर आरोपी पिता के घर जाता रहा है, इस बीच उसकी बेटी से उसकी नजदीकियां बढ़ी और प्रेम हो गया और ये कई बार मिलने भी लगे, इस बात की भनक जल्दी ही आरोपी पिता को लगी, जिसके बाद मृतक नारायण को समझाइश भी दी गई, परन्तु नारायण बैगा नही माना, अंततः घटना दिनांक रविवार को फिर एक बार दोनों आरोपी पिता को साथ दिखे, जिसके बाद आरोपी पिता गुस्से में लाल हो गया और हत्या को अंजाम दे दिया।

          आपको बता दे मृतक नारायण पिता फग्गू बैगा उम्र 28 वर्ष विवाहित रहा है, इसके दो बेटी और एक मासूम बेटा है, इस घटना से पूरे परिवार में मातम है, वही मासूम बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है।  इस घटना में आरोपी पिता अगर कानून की मदद लेता तो निश्चित ही हत्या के बाद हुए परिवारों में बिखराव की स्थिति नही होती और न हत्या जैसे गम्भीर वारदात को अंजाम देना पड़ता।

          इस मामले में पुलिस ने आरोपी मोहन सिंह के विरुद्ध अपराध क्रम 11/25 धारा 103(1) बीएनएस के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर आरोपी को सम्मानीय न्यायालय में मंगलवार को पेश किया है।  प्रेस वार्ता में एसपी ने बताया कि इस मामले के खुलासे में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रतिपाल सिंह व एसडीओपी नागेंद्र सिंह के अलावा थाना प्रभारी बालेंद्र शर्मा, उप निरीक्षक लखन सिंह, सउनि सुभाष यादव, उमेश सिंह, बाबूलाल, विनोद प्रजापति, प्रधान आरक्षक दिलीप गुप्ता, सतेंद्र, प्रकाश, अशोक, आरक्षक, मनीष, कमोद, कमलेश, भूपेंद्र, सुनील, रामचरण, आशीष की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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