बांग्लादेश में हिंदू एवं अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ हिंदू मुस्लिम एकता मंच के द्वारा महामहिम राष्ट्रपति के नाम सौंपा गया ज्ञापन
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बांग्लादेश में हो रहे हिन्दुओं पर अत्याचार को बर्दाश्त नहीं करेंगे- मो. असलम शेर
उमरिया। बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में हिंदू-मुस्लिम एकता मंच ने एकजुट होकर अपनी आवाज बुलंद की। हिंदू-मुस्लिम एकता मंच ने महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपते हुए सरकार से अपील की कि बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाया जाए। ज्ञापन के माध्यम से मंच ने यह मांग की कि अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों को भी इस मुद्दे पर सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। हिंदू-मुस्लिम एकता मंच के सदस्यों ने जोर देकर कहा कि धार्मिक अल्पसंख्यकों (जैसे हिंदू, बौद्ध, जैन, सिख, ईसाई) पर अत्याचार सिर्फ मानवाधिकारों का उल्लंघन नहीं, बल्कि यह सभ्यता और इंसानियत पर चोट है। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा किसी एक समुदाय का नहीं, बल्कि संपूर्ण मानव समाज का है।
हिंदू मुस्लिम एकता मंच के संस्थापक मो. असलम शेर ने कहा, "हमारी संस्कृति ने हमें आपसी भाईचारे और सौहार्द की शिक्षा दी है। हम किसी भी प्रकार के धार्मिक भेदभाव और हिंसा के खिलाफ हैं। बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों (जैसे हिंदू, बौद्ध, जैन, सिख, ईसाई) पर हो रहे अत्याचार हमारी सहिष्णुता की परीक्षा ले रहे हैं। हमें इस अन्याय के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठानी होगी।" हमे भारत सरकार से आशा है कि बांग्लादेश में हो रही घटनाओं के प्रति जल्द से जल्द पहल की जानी चाहिए जिससे वहां के अल्पसंख्यक सुरक्षित महसूस कर सकें। “हम बांग्लादेश में हो रही घटनाओं की निंदा करते हैं। यह लड़ाई सिर्फ हिंदू अल्पसंख्यकों की नहीं, बल्कि मानवता की है। आज हमें यह समझना होगा कि कोई भी धर्म हिंसा को बढ़ावा नहीं देता। हमारा उद्देश्य यही है कि हिंदू-मुस्लिम एकता के माध्यम से दुनिया को दिखाएं कि सच्चाई और न्याय के लिए हम एक साथ खड़े हो सकते हैं। उन्होंने लोगों को भाईचारे और शांति बनाए रखने का संदेश दिया।
हिंदू-मुस्लिम एकता मंच उमरिया के संयोजक राजेंद्र कोल ने कहा, "भारत और बांग्लादेश के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को देखते हुए यह अत्याचार न केवल दुखद है, बल्कि चिंता का विषय भी है। अल्पसंख्यकों की सुरक्षा हर देश का प्राथमिक कर्तव्य है। यदि बांग्लादेश सरकार इन अत्याचारों पर लगाम नहीं लगाती है, तो भारत सरकार को भी कड़े कदम उठाने चाहिए।" हिंदू मुस्लिम एकता मंच उमरिया ने शांतिपूर्ण ढंग से अपनी मांगों को सामने रखते हुए राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। हिंदू-मुस्लिम एकता मंच की यह पहल समाज में धार्मिक सौहार्द और मानवाधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाने का एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
ज्ञापन सौंपते समय हिंदू मुस्लिम एकता मंच के संस्थापक मो. असलम शेर, हिंदू मुस्लिम एकता मंच उमरिया संयोजक राजेंद्र कोल, हाफिज नफीस अहमद, रमपुरी इमाम चौक कमेटी अध्यक्ष जगदीश प्रसाद जयसवाल, वरिष्ठ समाजसेवी कपूरिया बाई विश्वकर्मा, समाजसेवी बुईया बाई कोल, संदीप तोमर, इरफान अली, कृष्ण कांत तिवारी, शंकर रजक, तालिब खान, रोहित कोल, प्राची कोल, संदीप महार, विपिन सेन, राहुल चौधरी, रिषभ आदि लोग मौजूद रहे।
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