आपकी समस्याओं का गुनाहगार कौन?
मैहर। नारायण त्रिपाठी ने मैहर की जनता जनार्दन से न्याय की गुहार लगाते हुए कहा है कि इस बार निर्णय आपको करना है कि आपकी समस्याओं का असली गुनहगार कौन है। आप सभी ने मुझे चुनकर भेजा तो मैंने आपकी लड़ाई आपकी समस्याओं के निराकरण की लड़ाई लड़ा तो मुझे बागी बना दरकिनार कर दिया गया अगर चुप रहता तो मै अपने आपको कभी माफ नही कर पाता क्योकि आपके से किये वादे पूरे न होते। दूसरी तरफ वे लोग जो सत्ता की चाशनी में डूब अपना धंधा व्यापार बचाने के लिए सत्ता की वंदना में लग गए। पूँछिये इनसे की इन्हें आखिर आपकी याद क्यो नही आई क्यो सत्ता के नशे में आपके साथ धोखा किया समस्याओं की लड़ाई क्यो नही लड़ी। हर कोई नारायण त्रिपाठी नही हो सकता नारायण त्रिपाठी बनने की कोशिश तो कर सकता है लेकिन नारायण जैसा जिगरा नही ला सकता। नारायण के लिए कोई सत्ता या दल महत्वपूर्ण कभी नही रहा मेरे लिए मेरी जनता भगवान थी उसका आदेश मेरे लिए लकीर था। मैने तो हमेशा आपकी समस्याओं के निराकरण की बात सदन तक पहुँचाता रहा लेकिन मुझे तो बागी घोषित किया जा चुका था इसलिए मेरी बात कोई सुनने को तैयार नही था लेकिन जो लोग सत्ता की चाशनी में डूबे लोगो से कहते थे कि मैहर में मेरे बिना पत्ता नही डोलता तो फिर जनहित में पत्ता क्यो नही डुलाया ये लोगो को समझने की आवश्यकता है। क्योकि या तो हम अपने साम्राज्य को बचाने की राजनीति करले या जनहित की। जनहित की राजनीति सबके बस की बात नही।
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