मूर्छित समाज को जगाने की कोशिश है पदयात्रा - राजीव शर्मा

May 22, 2022 - 22:26
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मूर्छित समाज को जगाने की कोशिश है पदयात्रा - राजीव शर्मा
मूर्छित समाज को जगाने की कोशिश है पदयात्रा - राजीव शर्मा

नदी सम्मेलन एवं महाआरती के साथ संपन्न हुई उमरार नदी पुनर्जीवन पदयात्रा

उमरिया ।  पदयात्रा एक मूर्छित समाज को जगाने की कोशिश है ।  यह बात उमरार नदी पुनर्जीवन पदयात्रा के समापन अवसर पर खैरभार गांव में आयोजित नदी सम्मेलन में राजीव शर्मा आयुक्त शहडोल संभाग ने कही । आपने कहा कि पानीदार लोग ही पानी के काम के लिए आगे आते हैं । भारतीय समाज जब तक पानीदार था तब तक पानी का कोई संकट नहीं था । 
          ज्ञात हो कि संस्कृतिकर्मी बाला सिंह टेकाम और गांधीवादी चिंतक, लेखक और सर्वोदय कार्यकर्ता संतोष कुमार द्विवेदी के संयोजन में उमरार नदी के उद्गम से प्रारंभ की गई उमरार पुनर्जीवन पदयात्रा के समापन पर आयोजित नदी सम्मेलन को आयुक्त शहडोल संबोधित कर रहे थे । इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डीसी सागर, पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार सिन्हा, जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी इला तिवारी, प्रेरणा फाउंडेशन के संस्थापक आर. श्रीनिवास, राष्ट्रीय नदी संवाद के स्वामी देवस्वरूपानंद, सुरेंद्र जी, सामाजिक कार्यकर्ता मनीष राजपूत, नंदलाल सिंह, एम खान, भूपेश भूषण राजेश मानव और नंदकिशोर पुरोहित प्रमुख रूप से मौजूद रहे ।

          अपने संबोधन में आयुक्त राजीव शर्मा ने कहा कि जल  संरक्षण हमारा परम कर्त्तव्य है, हमें अपने जल स्त्रोतों, नदी, तालाब, कुआँ बावली आदि का संरक्षण करना चाहिए । सारी मानव सभ्यताएं नदियों के किनारे विकसित हुई है । नदियों की मौत सभ्यता की मौत है । नदी नही रहेंगी तो मनुष्य भी नही रहेगा । यह अलार्मिंग समय है यदि हम नही चेते तो देर हो जाएगी । 
                आपने कहा कि आज़ादी के बाद सबसे बड़ी गड़बड़ यह हुई कि परस्परावलंबी भारतीय समाज को हमने परमुखापेक्षी समाज में बदल दिया । इसीलिए अब वह उन सब कामों के लिए जिनका वह परंपरागत रूप से प्रबंधन, संचालन और संरक्षण स्वयमेव कर लेता था उसके लिए सरकारों का मुंह ताके बैठा रहता है । पानी का काम सरकार के बूते का काम नहीं है,  इसे समाज ही कर सकता है । आपने समाज का आह्वान किया कि वह आने वाली पीढ़ी के लिए जंगल, जमीन एवं जल का संरक्षण करे । 
           अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डी सी सागर ने कहा कि उमरार एवं कथली नदी के संरक्षण के लिए सामाजिक संस्थाओं और नागरिकों का आगे आना सुखद है। कोशिश करने वालों की हार नहीं होती।  हमें अपने प्रयासों को आगे बढाते रहना होगा । सीईओ जिला पंचायत इला तिवारी ने कहा की जिले में पुष्कर धरोहर के तहत 509 तालाबों का जीर्णाेध्दार किया जा रहा है । इसीतरह 103 अम्रत सरोवर बनाए जा रहे हैं । आपने कहा कि पानी का काम सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता का काम है । 
          सामाजिक कार्यकर्ता मनीष सिह ने कहा कि राज, समाज और संतों के सम्मिलित प्रयास से नदी को नया जीवन दिया जा सकता है। पर्यावरणविद आर. श्रीनिवास ने कहा कि धरती का तापमान बढता जा रहा है। पानी एवं जंगल को बचाना होगा । तभी हम इस जानलेवा संकट का मुकाबला कर पाएंगे । स्वाभिमान आंदोलन के प्रतिनिधि स्वामी  देवस्वरूपानन्द ने कहा कि उमरार और कथली जैसी छोटी छोटी नदियां बचेंगी तभी गंगा यमुना जैसी बड़ी नदियां बाख पाएंगी । 
पदयात्रा का प्रतिवेदन बाला सिंह टेकाम ने रखा और कार्यक्रम का संचालन संतोष कुमार द्विवेदी ने किया । 

30 गांवों से होती हुई संगम तक पहुंची पदयात्रा

          उमरार नदी के उद्गम से 15 मई को शुरू हुई नदी पुनर्जीवन पदयात्रा 30 गांवों से गुजरते हुए 20 मई को संगम में जाकर समाप्त हुई । बिरहुलिया पदयात्रा का पहला गांव था । वहां से जुनवानी, गिंजरी, मजमानिखुर्द, दुलहरी, अमड़ी, खैरा, ददरी, महरोई, उजनीया, झिरिया, उमरिया,  खलेसर घाट, पुराना पड़ाव, भंगहा, छटन, डबरौंहा, कछरवार, खेरवाकला, ताली, अचला, सलैया- 5, धौरखोह, मझौली, पतरेई, झाला, कोइलारी, तेंदुहा, करणपुरा, समडारी, होते हुए खैरवार पहुंचकर संपन्न हुई । 

कई संस्थाओं एवं व्यक्तियों ने पदयात्रा में निभाई सहभागिता

          संस्कृतिकर्मी बाला सिंह तेकाम एवं सर्वोदय कार्यकर्ता संतोष कुमार द्विवेदी के संयोजन में प्रारंभ की गई उमरार पुनर्जीवन पदयात्रा में कई सामाजिक संस्थाओं एवं व्यक्तियों ने अपनी सहभागिता निभाई । जिसमें प्रमुख हैं आकाशकोट विकास परिषद के अध्यक्ष फूल सिंह, राष्ट्रीय युवा संगठन के अजमत उल्लाह खान,  भूपेश भूषण एवं राजेश मानव, विकास संवाद समिति की ओर से भूपेंद्र त्रिपाठी संपत नामदेव नामदेव, शायोप्रस से विजय जोशी, चित्रकार देवेंद्र सिंह श्याम, लोक कलाकार रामकरण सिंह,  लोकगायक मुन्ना यादव एवं राम सिंह मरावी, वरिष्ठ नागरिक रामकृपाल झारिया, पवन सिंह और युवा कार्यकर्ता अजीत चौधरी प्रमुख रूप से शामिल हुए । राष्ट्रीय नदी संवाद की ओर से पदयात्रा में स्वामी देव स्वरूपानंद एवं सुरेंद्र जी प्रारंभ से आखिर तक साथ चले । 

नदी को पट्टा दे सरकार

          पदयात्री दल द्वारा नदी सम्मेलन में आयुक्त राजीव शर्मा को नदी पुनर्जीवन हेतु 9 सूत्रीय सुझाव सौंपा गया । जिसमें प्रमुख रुप से नदी का वास्तविक क्षेत्रफल चिन्हांकित कर संबंधित भूमि का पट्टा नदी के नाम दर्ज किए जाने की मांग की गई है । नदी के बेमौत मरने के तमाम कारणों में अवैध उत्खनन, वृक्षों की बेतहाशा कटाई और नदी में बड़े पैमाने पर हो रहे अतिक्रमण और अवैध निर्माण को तत्काल प्रभाव से रोकने की मांग भी उठाई गई है । 
          सुझावों में यह भी कहा गया है कि नदी के किनारे पेड़ों को बचाने के साथ ही पैंय को अपनी जड़ों में सहेजने वाले वृक्ष जैसे गूलर, अर्जुन, जामुन,  नीम, बड़ और पीपल का बड़े पैमाने पर लगाए जाएं । इसीप्रकार नदी के तटों और जल संग्रहण क्षेत्र में निर्गुणी , गोंदिला और छिंद जैसी घास जो अब लगभग विलुप्त हो गई है फिर से लगाई जाये । 
             नदी के जल ग्रहण क्षेत्र में छोटी-छोटी जल संरचनाएं निर्मित करने पर जोर दिया जाए । इतना ही नही शहरी क्षेत्र में नदी में नालियों का पानी मिलने से रोक जाने और उमरिया तथा धनवाही के पास बने स्टापडेम को हटाने जैसे अहम सुझाव दिए गए हैं । 

सभी नदियों को अतिक्रमण मुक्त करने की चलायेंगे मुहिम

          पदयात्रा के प्रतिवेदन पर टिप्पणी करते हुए कमिश्नर शहडोल राजीव शर्मा ने कहा कि संभाग के तीनों जिलों के कलेक्टरों को वे तत्काल प्रभाव से यह निर्देश जारी करेंगे कि जिले की सभी छोटी-बड़ी नदियों को अतिक्रमण मुक्त करने का अभियान चलाया जाए एवं नदियों के जल ग्रहण क्षेत्र में छोटी-छोटी जल संरचनाएं बनाने के साथ-साथ वृहद पैमाने पर वृक्षारोपण की अभी से प्लानिंग की जाए । 

सम्मानित किए गए कथली के जलयोद्धा

          प्रयासम फाउण्डेशन व्दारा कथली नदी के संरक्षण हेतु पिछले साल भर से किये जा रहे प्रयासों के लिए नंदकिशोर पुरोहित और भारत अग्रवाल सहित पूरी टीम को सम्मानित किया गया ।  

मजमानी के कलादल ने गाये जलसंरक्षण गीत

           अकाशकोट के मजमानिकल के लोकसंगीत दल द्वारा लोकगायक मुन्ना यादव के साथ जल संरक्षण के गीत गाकर लोगो को जागरूक किया । उमरार महाआरती का स्वरचित गीत भी उन्होंने प्रस्तुत किया जिसे लोगों की भरपूर सराहना मिली । 
            इस अवसर पर तहसीलदार चंदिया पंकज नयन तिवारी, चंदिया टी आई राघवेंद्र तिवारी, उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं एच पी शुक्ल, भूपेन्द्र त्रिपाठी, अजय भिवानिया, प्रकृति प्रेरणा फाउंडेशन के डॉ अभिषेक, अरूण त्रिपाठी, एजाज खान, के जी पाण्डेय, विजय जोशी, राजेश मानव आदि शामिल रहे। कार्यक्रम के अंत में नदी के तट पर महाआरती की गई जिसमे भारी संख्या में ग्रामीण जनों ने हिस्सा लिया।

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