जनता ही चुनेगी नपाध्यक्ष और महापौर
शिवराज सरकार ने अध्यादेश दोबारा राजभवन भेजा
भोपाल। मध्यप्रदेश में महापौर, नगर पालिका व परिषदों के अध्यक्षों को अब पार्षद नहीं, सीधे जनता ही चुनेगी । यह निर्णय मंगलवार देर शाम भाजपा दफ्तर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के साथ हुई बैठक के बाद लिया । इसमें तय किया गया कि नगरीय निकायों के चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराए जाएंगे । सरकार नगरीय निकायों के चुनाव एक बार फिर प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने के लिए नया अध्यादेश लेकर आ रही है ।
भाजपा सूत्रों का दावा है कि इसके बाद देर रात एक बार फिर प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराने के लिए अध्ययादेश राज्यपाल की मंजूरी के लिए राजभवन भेज दिया गया है । इससे पहले सरकार ने महापौर - अध्यक्ष को सीधे जनता द्वारा चुने जाने का अध्यादेश लाने का प्रस्ताव तैयार कर मंजूरी के लिए राज्यपाल को भेजा था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इसे वापस बुला लिया था । बता दें कि कमलनाथ सरकार ने जब अप्रत्यक्ष प्रणाली ( पार्षदों को महापौर चुनने का अधिकार ) से चुनाव कराने का निर्णय लिया था, कि नगरीय निकायों के चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराए जाएंगे । सरकार नगरीय निकायों के चुनाव एक बार फिर प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने के लिए नया अध्यादेश लेकर आ रही है । भाजपा सूत्रों का दावा है कि इसके बाद देर रात एक बार फिर प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराने के लिए अध्ययादेश राज्यपाल की मंजूरी के लिए राजभवन भेज दिया गया है । इससे पहले सरकार ने महापौर अध्यक्ष को सीधे जनता द्वारा चुने जाने का अध्यादेश लाने का प्रस्ताव तैयार कर मंजूरी के लिए राज्यपाल को भेजा था , लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इसे वापस बुला लिया था ।
बता दें कि कमलनाथ सरकार ने जब अप्रत्यक्ष प्रणाली ( पार्षदों को महापौर चुनने का अधिकार ) से चुनाव कराने का निर्णय लिया था । जैसे ही, शिवराज चौथी बार सत्ता में आए, उन्होंने कमलाथ सरकार के इस फैसले को एक अध्यादेश के जरिए पलट दिया था, लेकिन इसे विधानसभा में डेढ़ साल तक पेश नहीं किया था । इससे कमलनाथ सरकार के समय बनाई गई, यह व्यवस्था आज भी प्रभावी है ।
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