गरीबों की थाली पर डाका, 32 करोड़ का बड़ा राशन घोटाला उजागर
भ्रष्टाचार का महादानव बन बैठा खाद्य विभाग...
घोटाले खोल रहे सरकार के वादों और दावों की पोल-शर्मनाक
निवाड़ी। तमाम नियम कायदों को सूली पर उल्टा लटकाकर पूर्व कनिष्ट आपूर्ति अधिकारी संदीप पाण्डे ने मिलीभगत के चलते जिले की 158 उचित मूल्य राशन दुकानों से गरीबों का हक़ डकारने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी है।
जानकारी के मुताबिक (फूड-इंस्पेक्टर) संदीप पाण्डे द्वारा जुलाई 2017 से 28 सितंबर 2021 तक ऑन पेपर 32करोड़ 5 लाख 60 हजार 60 रुपयों के राशन घोटाले को अंजाम दिया है। मामले में संज्ञान लेते हुए जिला कलेक्टर एन.के. सूर्यवंशी ने घोटाले की प्रारंभिक जांचकर विभाग के प्रमुख सचिव को प्रतिवेदन भेजते हुए दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की मांग की गई है।
जिले की 158 उचित मूल्य दुकानों का परत-दर-परत घोटाला
गेंहू- 60326.24 क्विंटल, चावल- 31173.31 क्विंटल, मोटा अनाज- 1343.28 क्विंटल, शक्कर- 1015.326 क्विंटल, नमक- 2123.358 क्विंटल, केरोसिन- 66048 लीटर, गायब हुई, इन सामग्रियों का अनुमानित शासकीय मूल्य 32,05,60060 रुपये आंका गया है।
सूत्रों की माने तो षड्यंत्रकारी इस महाभ्रष्टाचार को मूर्तरूप देने में खाद्यय, सहकारिता, परिवहन ठेकेदार से लेकर जिले की उचित मूल्य दुकानो के सेल्समैनों की स्पष्ट भूमिका सामने आ रही है।
गौरतलब रहे कि संदीप पाण्डे जुलाई 2017 (यानी 32 करोड़ से ऊपर के घोटाले) से पहले ग्वालियर जिले की डबरा तहसील में कनिष्ट आपूर्ति अधिकारी के पद पर पदस्त रहा है । यहाँ भी सेल्समैन और परिवहन ठेकेदार मुकेश पाल के सहयोग से बड़ा घोटाला हुआ था। हालांकि उसकी जांच होना फिलहाल बाकी है।
सूत्र बताते हैं कि राजनैतिक पहुँच पकड़ के चलते पूरी तरह से कालाबाजारी उजागर नही हो पा रही है । पूरा मामला फिलहाल गंभीर जांच का विषय बना हुआ है, ऐसा विश्वस्त सूत्रों का मानना है।
दूसरी और प्रदेश के मुखिया स्वयं शिवराज सिंह चौहान सुशासन के पक्षधर होकर स्वर्णिम मध्यप्रदेश के निर्माण को लेकर संकल्पित हैं। वहीं धवल वस्त्रों में लिपटे कुछ चेहरे, धनकुबेर बनने की लालसा लिए सूबे की सरकार के माथे को कलंकित करने से बिल्कुल भी नहीं चूक रहे हैं ।
सूत्रों की माने तो एक मंत्री के भतीजे की सांठगांठ से डबरा पीडीएस सप्लायर ठेकेदार ने घोटालेबाज संदीप पाण्डे की मिलीभगत से विगत वर्षों में घोटाले कर करके बेशुमार संपत्तियां बनाई, जो विशुद्ध रूप से काली कमाई बताई जा रही है।
बताते चलें कि घोटालेबाज संदीप पाण्डे को लेकर पॉलिटिक्स थमने का नाम नहीं ले रही है। इसीके चलते कनिष्ट आपूर्ति अधिकारी घोटालेबाज संदीप पाण्डे को डबरा, भितरवार तहसील में दुबारा पदस्थ किया गया है । जहाँ बेखौफ सेल्समेनों से मिलकर गरीबों का हक मारा जा रहा है। काला बाजारी का सिलसिला बदस्तूर जारी है..
ऐसे होगा भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश-
सुशासन के दृष्टिगत प्रदेश में जिलेवार प्रत्येक राशन दुकानों की पीओएस मशीन में दर्ज आंकड़े और हितग्राहियों के राशनकार्ड में दर्ज एंट्री का मिलान बेहद जरूरी हो गया है ताकि घोटालेबाजों पर नकेल कसी जा सके।
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