समयावधि पर निराकरण ना करने वाले बीआरसी को कौन दे रहा अभयदान..?
आय दिन शिकायत पर नहीं हो रही कार्यवाही
उमरिया I जिले में यह पहली बार हुआ है जब कोई मामला सालों से विवादों में उलझा रहा हो और पद में बैठे अधिकारियों ने बिना जांच पड़ताल किये ही पंजीरी की तरह पद बांट दिये हो, जिसका नतीजा है कि आज उन्हीं पदों पर आसीन होकर वह अपने मातहत कर्मचारियों के सिर पर बैठ रहे हैं, यहां तक कि अब वह सरकार का काम करने से पीछे हट रहे हैं। जनसुनवाई से लेकर मौखिक और लिखित में शिकायतें की जा रहीं हैं मगर कार्यवाही केवल नोटिस तक सीमित रह जाती है, आखिरकार सरकार की मंशा पर पानी फेरने वालों पर कब तक कार्यवाही की गाज गिरेगी..? या फिर बीआरसी करकेली के दामन में लगे दागों को मिटाने रिन साबुन का इस्तेमाल किया जा रहा है जो बड़ी ही मंहगी है और शायद इसी का नतीजा है कि विधायक और कलेक्टर के निरीक्षण में सामने आई कमी के बाद बीआरसी करकेली को कारण बताओ सूचना पत्र ही प्राप्त हुआ है।
3 सीएम हेल्पलाइन के कारण लिखा गया था आरोप पत्र
बताया जा रहा है कि बीआरसी करकेली विनय चतुर्वेदी द्वारा तीन सीएम हेल्पलाइन लगाई गई थीं, जिनका निराकरण समय सीमा में नहीं कराया गया, जिसके कारण वरिष्ठ अधिकारियों को जमकर खरी खोटी सुननी पड़ी थीं और इसका जबाब बीआरसी करकेली द्वारा नहीं दिया गया, जिसके बाद तात्कालीन कलेक्टर डा. केडी त्रिपाठी ने नोटिस जारी की, जिसका जबाब भी बीआरसी द्वारा संतोष जनक नहीं दिया गया और फिर 21/6/023 को कलेक्टर श्री त्रिपाठी ने आरोप पत्र जारी करते हुए कार्यवाही की बात कहीं थी, लेकिन समय का पहिया ऐसा घूमा कि कलेक्टर का स्थानांतरण हो गया और पूरा मामला ठंडे बस्ते में बंद होकर रह गया। अब जब नये शिक्षण सत्र की शुरुआत हुई तो बांधवगढ़ विधायक शिवनारायण सिंह और कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन सहित तमाम आला अधिकारी नौरोजाबाद के कुमार मंगलम स्कूल निरीक्षण करने व शाला प्रवेशोत्सव कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे थे, जहां शासन की मंशा अनुसार कार्य नहीं कराया गया और न ही नव प्रेवेशी बच्चों व शाला त्यागी बच्चों की जानकारी नहीं दी गई, इस बाबत विधायक ने काफी नाराजगी जताई थी, जिसके बाद कलेक्टर श्री जैन कारण बताओ नोटिस जारी कर जबाब मांगा है, मगर वह जबाब कैसा आया और अब आगे कैसी कार्यवाही होगी इस बात का इंतजार सभी को है।
ग्रेडिंग में भी विनय फिसड्डी
एक कहावत करकेली बीआरसी के लिए सटीक बैठती है कि जिसे बैठकर खाने की आदत हो तो वह काम नहीं करना चाहता है फिर चाहे वह शासन का काम हो या जिला प्रशासन का। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण अंतर्गत प्रत्येक माह होनी वाली ग्रेडिंग में निर्धारित पैरामीटर के आधार पर शत-प्रतिशत कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए गए थे, परंतु करकेली बीआरसी के उदासीन रवैये के कारण वह ग्रेडिंग मार्च 2024 में C ग्रेड और माह अप्रैल में भी C ग्रेड आया है, जिसके कारण करकेली बीआरसी अंतर्गत आने वाली समस्त शालाओं में बनने वाला मध्याह्न भोजन लापरवाही की भेंट चढ़ गया। इस बात से नाराज़ जिला पंचायत के सीईओ अभय सिंह ने बीआरसी विनय चतुर्वेदी को नोटिस जारी कर तीन दिवस में जबाव मांगा है। ऐसी सैकड़ों गलतियों के बाद, अधिकारियों को इनके किये को भुगतना पड़ रहा है, बाबजूद इसके कार्यवाही का इंतजार किसका है और कब तक पाली बीआरसी की तरह करकेली बीआरसी पर कार्यवाही होगी।
What's Your Reaction?