बंद पड़ी खदानों से चुरा रहे कोयला
उमरिया। जिला का नाम आए और अवैध चीज ना हो ऐसा संभव नहीं है। इस बार हम बात कर रहे हैं कोयले की व्यापार की जहां कोयले का व्यापार चरम पर चलता हुआ दिखाई दे रहा है। जहां कोयले की बंद पड़ी खदानों को भी अवैध तरीके से कोयला निकाला जा रहा है।
दरअसल पूरा मामला मध्य प्रदेश की उमरिया जिले के पाली कालरी की बन्द पड़ी खदाने यू तो कई वर्षों से कागजो में बंद ही दर्शायी जा रही है लेकिन इन खदानों में अभी भी अनाधिकृत उत्पादन किया जा रहा है। कहने के लिए कालरी प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन द्वारा इन बंद पड़ी खदानों में उत्खनन न हो इसके लिए निगरानी भी की जा रही है। लेकिन कुछ लोगों द्वारा प्रशासन के नजरों के सामने इन खदानों से कोयले का अवैध उत्खनन कर होटल व ढाबे और ईंट भट्ठो में सप्लाई किया जा रहा है।
जानकारों के मुताबिक रोजी- रोटी के लिए कुछ लोग अवैध कोयला उत्खनन को अपना कमाई का जरिया बनाये हुए है जो अपने जान की परवाह किये इन भूमिगत खदानों में प्रवेश करते है और कोयले का उत्खनन कर अपना जीवकोपार्जन करते है। बताया गया है कि पाली के अलावा नौरोजाबाद की कुछ बंद खदानों से कोयले का उत्खनन कर बाहर भी बेचा जाता है। जिसमे मोटी कमाई भी हो रही है।
जानकर बताते है कि दिनभर निकाले गए कोयले को रात में वाहनों के माध्यम से बाहर भेजा जाता है जिसकी जानकारी कालरी प्रबंधन के कुछ जिम्मेदारों को है। कालरी के सूत्र बताते है कि अवैध कोयला के व्यवसाय में कुछ कोयला चालू खदान से भी कोयला व्यवसाइयों तक चोरी छिपे पहुंच रहा है। इस मामले में भले ही कालरी प्रबंधन कुछ करे या न करे पर यह बात तो स्पष्ट है कि जिस तरह भोर होते ही लोग साइकलों में कोयला ढ़ोते दिखाई देते है वह तश्वीर बहुत कुछ बया करती है। *हालांकि इन सब के बाद आप प्रशासन इस पर क्या लगाम लगता है यह तो देखने वाली बात होगी।
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