माता एवं प्रकृति निःस्वार्थ प्रेम की प्रतिमूर्ति --दिलीप पाण्डेय
एक पौधा मां के नाम अभियान का आगाज होगा प्रत्येक मतदान केंद्र पर - दिलीप पांडे
उमरिया। माता और प्रकति निस्वार्थ प्रेम की प्रतिमूर्ति है। मातृशक्ति और प्रकृति के संवर्धन के उद्देश्य से विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री जी ने एक पौधा माँ के नाम अभियान" का शुभारंभ किया था। आप सभी जिलेवासियों से भी विनम्र आग्रह है कि मातृशक्ति के सम्मान एवं पर्यावरण संरक्षण के इस महत्वपूर्ण अभियान से जुड़कर अधिकाधिक संख्या में वृक्षारोपण करें व 'हरित उमरिया, समृद्ध उमरिया' के संकल्प को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।एक पौधा माँ के नाम" अभियान प्रतीक है माँ के प्रति आदर का, सम्मान का, निष्ठा का, कर्तव्य का। आइये, कदम बढ़ाइये,और एक पौधा माँ के नाम लगाइये।
दिलीप पांडे जी ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण जीवन को सुरक्षित करने जैसा है। स्वस्थ पर्यावरण ही सुरक्षित समृद्ध शशक्त जीवन की गारंटी है। पेड़ मानव जीवन के लिए ठीक वैसे ही जरूरी है जैसे जलीय जीव के लिए जल। अगर हम स्वस्थ रहना चाहते है तो हमे पर्यावरण और प्रकति का भी ध्यान रखना होगा।जीवन के लिए जो जरूरी है वह ईश्वर ने हमे निशुल्क दिया है अब आवयश्कता है हमे इनके संरक्षण करने की। चाहे ऑक्सिजन की बात हो चाहे बाताबरण का ताप नियंत्रित करना हो चाहे मिट्टी का कटाव रोकना हो चाहे हानिकारक किरणों का अवशोषण करना हो चाहे अच्छी बारिश की बात हो इन सभी के लिए पेड़ो का होना अति आवश्यक है। पेड़ जीव के जीवन का आधार है। इनके बिना जीवन संभव नही है। जलवायु परिवर्तन के कारण अत्यधिक गर्मी बढ़ रही है तापमान में गंभीर वृद्धि हुई है। पेड़ वातावरण का ताप नियंत्रित करते है। अधिक पेड़ लगाना तापमान को सीधे कम करने और जीवन बचाने का सबसे सस्ता, सबसे तेज़ और सबसे प्रभावी तरीका है । पर्याप्त पेड़ होने से तापमान नियंत्रित रहता है। पर्यावरण संरक्षण के लिए वृक्षारोपण अहम पहल है, क्योंकि जीवनदायनी ऑक्सीजन का एकमात्र स्त्रोत वृक्ष ही हैं। मानव जीवन वृक्षों पर ही निर्भर है। यदि वृक्ष नहीं रहेंगे तो धरती पर जीवन संकट में पड़ जाएगा। किसी भी राष्ट्र या समाज अथवा संस्कृति की सम्पन्नता वहां के निवासियों की केवल भौतिक समृद्धि में निहित नहीं होती है बल्कि वहां की जैव विविधता पर निर्भर होती है। भारतीय वन सम्पदा दुनिया भर में अनूठी एवं विशिष्ट है। हमारी संस्कृति, रीति-रिवाज, धर्म, तीज-त्योहार सब प्रकृति पोषित हैं। जंगल ही है जो जलवायु परिवर्तन के कुप्रभावों को कम करने की क्षमता रखते हैं, जिसके लिए वृक्षारोपण बेहद जरुरी है। इसी से सुधार संभव है। पेड़-पौधे कार्बन-डाई आक्साइड ग्रहण कर ऑक्सीजन देने में महती भूमिका निभाते हैं। यह प्रक्रिया प्रकृति में संतुलन बनाए रखती है। जंगल ही हमें स्वच्छ जल और स्वस्थ मृदा के साथ-साथ स्वच्छ पर्यावरण भी प्रदान करने का आधार प्रदान करते हैं। समाज में वृक्षारोपण करने की आदत विकसित हो, तभी यह एक अभियान के रुप में पर्यावरण को पोषित कर सामाजिक गतिविधि के रुप में स्थापित होगी, क्योंकि उपभोग और विस्तार ने जंगलों को नष्ट कर दिया है। कम कर दिया है।
समय रहते हमने अपनी इस मानवीय भूल को यदि नहीं स्वीकारा और अपने जीवन व्यवहार को नहीं सुधारा तो पृथ्वीं का जीवन अस्तित्व ही संकट में पड़ जाएगा। इसलिए जरुरी है कि समय रहते खुले वनों की सघनता को बढ़ाएं। जहां-जहां संभव हो, वहां-वहां पेड़ लगाए वा संरक्षण करे। सार्वजनिक स्थलों को चिन्हित कर या अपनी स्वयं की भूमि खेत की मेड आदि में एक जनान्दोलन के रूप पेड़ लगाना है। । सड़क किनारे नहर किनारे, गाँव के तालाब की मेड़ पर खाली पड़ी जमीनों पर वृक्षारोपण कर उन्हें ग्रीन-बेल्ट बनाया जा सकता है। इससे स्वच्छता भी बढ़ेगी और पर्यावरण की सेहत भी दुरुस्त होगी। समाज और सरकार को मिलकर वृक्षारोपण करना होगा, जिसके फायदे कई स्तरों पर समाज को मिलेंगे। इससे जंगलों का विस्तार प्राणवायु के साथ-साथ आर्थिक समृद्धि का भी संबल बनेगा।पर्यावरण की स्वच्छता और शुद्ध हवा से सीधा संबंध है। दोनों मानव स्वास्थ्य के लिए आधार का काम करते हैं। स्वच्छता और आर्थिक विकास में भी घनिष्ट संबंध है। बीमार व्यक्ति किसी काम को ठीक ढंग से नही कर सकता, जिसका सीधा असर उत्पादकता पर पडता है।
हम सबको को इस बात के लिए जागरुक करे कि पर्यावरण का सीधा संबंध हमारे स्वास्थ्य से है। पर्यावरण प्रदूषण से मानव स्वास्थ्य बिगड़ता है।इस दिशा में जागरुकता के लिए समाज में समूहिक चर्चाएं की जाएं। विभिन्न स्तरों पर सामाजिक सहभागिता बढ़ायी जाए। महिलाएं, युवा और बुजुर्ग सभी पेड़ लगाए वा उन्हें तैयार करे। जिला अध्यक्ष जी ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओ के द्वारा बूथ स्तर पर पौधे लगाने का कार्य किया जाएगा अर्थात प्रत्येक बूथ के भाजपा कार्यकर्ता स्वयं भी वृक्षारोपण करेंगे वा इसे जन आंदोलन का भी रूप देगे सभी बूथों में वृक्षारोपण का कार्य जन अभियान के रूप में किया जायेगे ताकि प्रकृति का संरक्षण और संवर्धन किया जा सके। क्लीन उमरिया ग्रीन उमरिया इस संकल्प को ध्यान में रखते हुए हम सभी उमरिया जिलेवासी अपने-अपने घरों खेत मैदान सार्वजनिक स्थानों पर काम से कम एक पौधा अपनी मां के नाम अवश्य रोपित करेंl जिला अध्यक्ष श्री पांडे जी ने अपील करते हुए कहा की यह अभियान केवल शासकीय अभियान या कार्यक्रम नहीं है इस कार्यक्रम में हम सभी जिले वासी अपनी सहभागिता सुनिश्चित कर इस अभियान से जुड़कर पौधारोपण करें l
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