बांधवगढ़ नेशनल पार्क में बाघ ने किया सर्चिंग टीम पर हमला
श्रमिकों की कम संख्या देख बाघ ने नाराजगी जताते हुए किया घायल
उमरिया I मानपुर विधानभा मुख्यालय स्थित विश्वप्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व नेशनल पार्क के पनपथा रेंज अंतर्गत बीट हरदी के कंपार्टमेंट नंबर 455 स्थित मुडधवा क्षेत्र में शनिवार की सुबह एक बार फिर बाघ ने जंगल में पैदल गस्ती कर रहे श्रमिकों की टीम में हमला बोल दिया, जिस कारण दो श्रमिक रामखेलावन केवट वा चूड़ामणि केवट घायल बताए जा रहे हैं, जिन्हे आनन फानन में समुचित इलाज हेतु मानपुर समुदाइक स्वास्थ केंद्र में भर्ती कराया गया जहां डाक्टरों की टीम ने उन्हे खतरे से बाहर बताया हैl
श्रमिकों का हो रहा शोषण
बीटीआर में बाघ द्वारा श्रमिको के ऊपर किए गए हमले में मौके पर मौजूद अन्य श्रमिकों द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया की बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के जिम्मेदारों द्वारा श्रमिकों की जान के साथ खेलवाड़ किया जा रहा है। बाघ वा हांथी जैसे खतरनाक जानवरों को साधारण जानवर समझ उनके पास कम संख्या में श्रमिकों को भेज दिया जाता है, जिस कारण जंगली जानवर हमला कर देते हैं अगर कम संख्या में श्रमिक जंगल सर्च करने जाने से मना करते हैं तो जिम्मेदार काम से निकालने की धमकी देते हैं। हम श्रमिकों के पास मजबूरी है जंगल में अधिकारियों का तानाशाही आदेश मानना जिस कारण आए दिन श्रमिको के ऊपर जंगली जानवर हमला कर रहे हैं अगर यही श्रमिकों की संख्या कम से कम से कम दस से पंद्रह की होती तो बाघ हमला नही कर पाता।
बाघ ने नुकीले दांतों में फंसा लिया था श्रमिक का हांथ
श्रमिकों द्वारा दी गई जानकारी अनुसार बताया गया की करीब आधा दर्जन की संख्या में श्रमिक जंगल में सर्च कर रहे थे, वहीं कम संख्या में होने के कारण कुछ दूरी दूरी पर अकेले अकेले सर्च कर रहे थे तभी जंगल में एक बाघ दिखा जो कुछ दूरी पर था जिसे ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ चले कुछ ही समय में उक्त बाघ देखा की जंगल सर्च कर रहे श्रमिकों की संख्या कम है, जिस कारण वह देखते ही देखते उनके पास पहुंच गया और घांस की आड़ में छुप गया, इसी दौरान अकेले अकेले श्रमिक वहां से निकल रहे थे जिस पर बाघ ने अचानक झपट्टा मार दबोच लिया, वहीं बाघ के हमले की आहट सुन तुरंत ही सभी साथी एकत्रित हो गए ओर हल्ला गोहर करते हुए अपने साथी को बाघ के चंगुल से छुड़ा लिया गया, वहीं बाघ के हमले में घायल श्रमिक ने जानकारी देते हुए बताया की पहले बाघ ने धोखे से अचानक सीने पर पंजा मार जमीन पर गिरा दिया जिसके बाद अपने नुकीले दांतों से हांथ की गदेली को फंसा लिया और लेकर जंगल में झाड़ियों की तरफ भागने की फिराक में ही था, लेकिन अन्य साथी तत्काल मौके पर आ गए और बाघ को छोड़ने पर मजबूर कर दिया बाद पश्चात देखा की हांथ सहित सीने के बगल से गहरी चोट हो गई है। जिसकी सूचना अधिकारियों को दी गई जिसके बाद इलाज हेतु मानपुर स्वास्थ्य केंद्र में लाकर भर्ती कराया गया है।
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