जंगल में सड़क बना रही जेसीबी मशीन से नाराज बाघिन ने किया दो महिलाओं पर हमला
एक की हुई मौत तो दूसरी हो गई गंभीर घायल
उमरिया। जिले के मानपुर विधानसभा मुख्यालय स्थित विश्वप्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा कोर क्षेत्र में ग्राम चंसुरा (इंदवार) से लगे जंगल में रेंजर द्वारा शनिवार की सुबह करीब 11 बजे के आस पास चोरी चुपके जेसीबी मसीन के माध्यम से सड़क निर्माण कार्य कराया जा रहा था। मिली जानकारी अनुसार जहां भारी भरकम मसीन चल रही थी उसी से चंद कदम की दूरी पर बाघिन अपने नन्हे शावकों के साथ मौजूद थी जो जेसीबी मशीन की आवाज से भयभीत थी, उसी दरमियान जंगल में कुछ महिलाएं लकड़ी बिनने पहुंच गईं और उन्ही महिलाओं में से एक महिला भूरी कोल लकड़ी इकट्ठा करते करते नन्हे शावकों के साथ भयभीत झाड़ियों में छुपी बैठी बाघिन के पास जा पहुंची जिससे बाघिन ने पहले जोर दार दहाड़ मारी फिर उक्त महिला को अपने चंगुल में दबोच लिया, वहीं बाघिन की दहाड़ सुन मौके से अन्य महिलाओं ने भागना उचित समझा और कुछ दूर भागे फिर देखा की उनके ग्रुप की एक महिला भूरी बाई नही है, जिसे अपने स्तर पर दूर से ही जोर जोर से हल्ला गोहर कर नाम ले ले कर पुकारा गया, लेकिन उसकी आवाज कहीं भी सुनाई नही दी, तब उन्हे अनहोनी की आशंका हुई और पास में ही जंगल के अंदर सड़क बना रही जेसीबी मसीन के पास मौजूद वनकर्मियों को घटना की जानकारी दी गई। तत्पश्चात सभी ने काम बंद कर उक्त महिला को तलाशने मौके पर पहुंचे और देखा की झाड़ियों के पास मृत अवस्था में महिला पड़ी हुई है उनके द्वारा नजर लगा कर बाघिन को अंदाजा जा रहा था की वह कहां है इतने में पीछे से बाघिन ने दूसरे महिला के ऊपर हमला कर दिया मानो उतनी समय जंगल में भगदड़ सी मच गई जो जिधर पाया उसी तरफ दौड़ लगाते हुए अपने जान माल की सुरक्षा किया।
वनकर्मी की सूझ बूझ से बची दूसरी महिला की जान
बाघिन द्वारा मौत के घाट उतार चुके मृत महिला भूरी पति मेजाजी कोल उम्र 50 वर्ष को तलाशने वन कर्मी के साथ जब अन्य लोगो ने घटना स्थल पर पहुंचे तो बाघिन ने उनके ग्रुप की एक और महिला के ऊपर भी पीछे से हमला कर दिया बाघिन के द्वारा दूसरी महिला के ऊपर जानलेवा हमला करते देख अन्य सभी लोग मौके से भागना सुरु किए लेकिन साहसी वनकर्मी ने सूझबूझ से काम लिया और हांथ में धरे टांगी की धार को बाघिन के तरफ निशाना साध दिया जहां बाघिन ने जोर जोर से दहाड़ना सुरु किया जितना बाघिन दहाड़ रही थी उतना ही मौके से भागने वाले लोग चिल्ला रहे थे लेकिन निडर वा साहसी वनकर्मी के टांगी की धार से बाघिन डर गई ओर घायल महिला को छोड़ दिया और जैसे ही महिला बाघिन के चंगुल से आजाद हुई वह उठ खड़ी हुई और वनकर्मी के पीछे जा कर खड़ी हो गई और मौके की नजाकत को समझते हुए धीरे धीरे हल्ला गोहर करते हुए पीछे हटते गए वहीं जेसीबी मसीन की आवाज वा हो चुकी घटना से भयभीत बाघिन भी अपने शावकों के पास जा कर झाड़ियों में छुप गई जिसके बाद घटना की जानकारी उच्च अधिकारियों को दी गई जो मौके पर पहुंचे और मृत पड़ी महिला को अपने कब्जे में लिया और पीएम जंगल में ही डाक्टरों की टीम द्वारा कर दिया गया साथ ही घायल महिला तेरसिया बाई कोल उम्र 35 वर्ष एवं उसके परिजनों को समुचित इलाज हेतु मानपुर सामुदाइक स्वास्थ केंद्र में भर्ती कराया गया जिसके गर्दन समेत पीठ में गहरे चोट के निशान पाए गए जिसे डाक्टरों की टीम ने खतरे से बाहर बताया है।
भूँखे प्यासे घायलों को छोड़ फरार हुआ वन अमला
मानपुर सामुदायिक स्वास्थ केंद्र में इलाजरत घायल वा उनके परिजनों से मुलाकात कर चर्चा किया गया तो उनके द्वारा बड़े ही शालीनता से बताया गया की एक तो हम लोगों के ऊपर बाघ ने हमला कर घायल कर दिया जिससे हम वा हमारे परिजन परेशान है गए और हम लोग सुबह से कुछ खाए पिए नही है हम बड़ी हम के भूख लगी है इधर हम लोगों को वन विभाग के लोग समुचित इलाज हेतु अस्पताल तो पहुंचा दिया, जिसके बाद सब अपने अपने तरफ चले गए हम कहां पाएं व्यवस्था तो अपनी भूंख मिटाएं ऐसी बात सुनते ही घायल एवं उनके परिजनों को स्थानीय पत्रकारों द्वारा खाने पीने की सामग्री उपलब्ध कराई गई, लेकिन बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के एसे तानाशाह जिम्मेदारों को गरीबों के साथ इस तरह से अन्याय नहीं करना चाहिए। भूखे प्यासे घायल वा परिजनों के लिए कुछ न खाने पीने की व्यवस्था बना कर ही मौके से भागना चाहिए ताकि संबंधित व्यक्ति परेशान न होने पाए। ग्रामीणों की माने तो वन अमले की इसी हरकत के कारण ही ग्रामीणों में आक्रोश उत्पन्न होता है, जिस कारण अनचाही घटनाओं के ग्रामीणों समेत वन विभाग को सामना करना पड़ जाता है।
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