सरकार नया हिट एंड रन कानून वापस ले - मप्र ड्राइवर महासंघ
ड्राइवर महासंघ ने कलेक्टर को सौपा 12 सूत्रीय ज्ञापन
उमरिया। भारतीय न्याय संहिता 2023 में हुए संशोधन के बाद हिट एंड रन की नई पालिसी के विरोध में मप्र ड्राइवर महासंघ ने सोमवार को 12 सूत्रीय मांगों को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। इस अवसर पर संघ अध्यक्ष राजकुमार रैदास ने कहा कि हादसे घटित होने पर चालको के विरुद्ध 10 साल की सज़ा और मोटी रकम की वसूली काले कानून जैसा है,हम इसका विरोध करते है,जब तक ऐसा काला कानून वापस नही लिया जाता, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। ज्ञापन में हिट एंड रन कानून को वापस लेने के साथ 55 वर्ष की आयु के बाद पेंशन योजना, हादसों में मृत होने पर 20 लाख, दिव्यांग होने पर 10 लाख और इलाज के लिए 5 लाख आर्थिक मदद की जाए। इसके अलावा आवास के लिए 5 लाख की मदद, बच्चों को उच्च शिक्षा दी जाए, जैसी मांगे भी महासंघ ने प्रशासन से की है। कुल मिलाकर ज्ञापन में ड्राइवर महासंघ ने प्रशासन से 12 सूत्रीय मांग की है, देखना होगा प्रशासन इन मांगों में से किन मांगों में सहमति जताती है, पर फिलहाल ये हड़ताल अगर लंबी हुई तो गरीबों का खाद्यान्न,स्वास्थ्य सुविधाएं, बच्चों की शिक्षा, कारोबार, डीजल-पेट्रोल समेत सभी बुनियादी ज़रूरतें प्रभावित होने की संभावना है, उम्मीद जताई जा रही है कि हिट एंड रन कानून समेत ड्राइवर महासंघ द्वारा 12 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार जल्द कुछ फैसला लेगी, जिससे प्रदेशव्यापी हो रही हड़ताल बंद हो और सभी वाहन चालक पुनः काम पर लौटे।
हिट एंड रन के नए कानून के तहत फरार और घातक दुर्घटना की सूचना न देने पर ड्राइवरों को 10 साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है, इसी कानून को लेकर ड्राइवर पशोपेश में है और इस कानून का विरोध कर रहे है।
What's Your Reaction?