प्रसिद्ध चतुर्भुज मेला बसंत पंचमी तिथि से होगा प्रारंभ, दूर दूर से लोग आते हैं मेले में
उमरिया। वर्षो से हर वर्ष सोन नदी के किनारे प्रसिद्ध चतुर्भुत भगवान के मंदिर में मेले का आयोजन होता आया है। लगभग दो सौ साल पहले से यहां पर मेला लगता आ रहा है। विगत 3 वर्षो से कोरोना महामारी के कारण मेला का आयोजन नहीं हुआ। "चतुर्भुज मंदिर" "सोन नदी" के किनारे स्थित है नव गठित नगर परिषद होने के पूर्व में यह ग्राम पंचायत गोवर्दे के अंतर्गत आता था पर आज वर्तमान समय में नगर परिषद मानपुर वार्ड क्रमांक 14 का अभिन्न अंग हो चुका है। सनातन काल से सोन नदी को सोनभद्र भगवान के नाम से भी जाना जाता है।
चतुर्भुज मेला में सभी व्यापारी, ग्राहक, प्रशासन, पत्रकार सभी का भरपूर सहयोग रहता है जिससे इतना बड़ा विशाल मेला कई वर्षो से संपन्न होता चला आ रहा है।
मेला में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी नई नई दुकानें देखने को मिलेंगी, गांव में निवासरत लोगों के लिए मेला कई रुप से महत्व रखता है चतुर्भुज मेला में बच्चों के खेल कूद का सामान, विवाह का सामान, खाने पीने की होटल, पान की दुकान, आकाश झूला, रहट झूला, घोड़ा झूला, सर्कस, जादूगर, जड़ी बूटी की दुकान, किराना, मनिहारी, गन्ना, सोना चांदी, पटा बेलन, लोढ़ा सिलौटी, खलवट्टा ऐसी तमाम चीजों की दुकान लगती है, जिससे मेला करने वाले बच्चों, नौजवानों, महिलाओं और बूढ़ों के लिए खुशी और आनंद भरा मनोरंजन करने का पल होता है।
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