कलेक्टर ने कृषि, उद्यानिकी , पषु चिकित्सा विभाग के गतिविधियों की की समीक्षा
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उमरिया। कलेक्टर डा. कृष्ण देव त्रिपाठी ने कृषि विज्ञान कंेद्र उमरिया में प्राथमिक क्षेत्र से जुड़े विभागों कृषि, उद्यानिकी, पषु पालन तथा कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिए जाने हेतु किए जा रहे प्रयासों, जैविक खेती को बढ़ाकर कृषि लागत कम करनें के प्रयासों, उन्नत खेती एवं अधिक उत्पादन प्राप्त करने हेतु श्रीपद्धति के उपयोग को बढ़ावा देने तथा कृषि विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत सीमांत किसानों को दिए जाने वाले मिनी किट वितरण प्लाट प्रदर्षन आदि की विस्तार से समीक्षा की। बैठक में उप संचालक कृषि रासिद खान, वरिष्ठ वैज्ञानिक कृषि विज्ञान कंेद्र डा. के पी तिवारी, उप संचालक पषु चिकित्सा विभाग डा. एच पी शुक्ला, सहायक संचालक उद्यानिकी विजय मिश्रा सहित अधीनस्थ स्टॉफ उपस्थित रहा।
कलेक्टर ने कृषि विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने हेतु और अधिक प्रयास किए जाएं। ग्रामीण क्षेत्रों में जैविक विधि से कीटनाषक एवं जैविक उर्वरक महिलाओं के लिए अच्छा स्वरोजगार एवं आय मूलक गतिविधि बन सकती है। उसके लिए ग्रामीण आजीविका परियोजना के माध्यम से गठित स्व सहायता समूह की महिलाओं को प्रषिक्षण दिया जाए तथा उन्हें जैविक कीटनाषक एवं उर्वरक बनाने हेतु प्रेरित किया जाए। उप संचालक कृषि एवं कृषि विज्ञान केंद्र इन उत्पादों के मार्केटिंग की व्यवस्था कराएं। कलेक्टर ने पषु पालन विभाग की समीक्षा करते हुए निर्देष दिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में पालतू पषुओं में होने वाली बीमारियों को रोकने हेतु टीकाकरण कराया जाए। जिले के चिन्हित क्षेत्रों में जहां दूध की खपत अधिक हो सकती है उन गांवों को डेयरी क्लस्टर के रूप में विकसित किया जाए। मानपुर जनपद पंचायत इसके लिए सबसे उपयुक्त जगह हो सकती है। क्लस्टर के लोगों को प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना तथा आचार्य विद्या सागर योजना के माध्यम से ऋण एवं अनुदान उपलब्ध कराया जाए। पषु पालकों को दूध से बनने वाली अन्य खाद्य सामग्री पनीर, दही, खोवा, घी आदि बनाने हेतु भी प्रेरित किया जाए।
कलेक्टर ने उद्यानिकी विभाग की गतिविधियों की समीक्षा करते हुए निर्देष दिए कि उद्यानिकी विभाग के माध्यम से संचालित रोजगार योजनाओं के भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य प्राप्त किये जाए। आपने कहा कि उद्यानिकी विभाग भी कुछ ग्रामों का चयन कर उद्यानिकी गतिविधियों को क्लस्टर के रूप में विकसित करे। उद्यानिकी गतिविधियां किसानों के आय का प्रमुख साधन बने, इसके लिए विभाग द्वारा मुख्य बाजारों से लगे क्षेत्रों में इन गतिविधियों का संचालन उपयोगी सिद्ध होगा।
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