प्राइवेट स्कूल संचालकों की मांग पूरी न होने पर भोपाल में करेंगे विरोध, जिला प्रशासन को सौंपा ज्ञापन
उमरिया। मध्यप्रदेश संयुक्त मोर्चा अशासकीय विद्यालय संगठन उमरिया द्वारा अपनी मांगों को लेकर सोमवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम का ज्ञापन जिला प्रशासन को सौपा है। इस दौरान संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि मप्र के प्राइवेट स्कूल संचालक मप्र की शिक्षा की रीढ़ की हड्डी हैं । मप्र के शिक्षा के क्षेत्र में प्रायवेट शिक्षक का भी महत्व है फिर भी सरकार द्वारा नजरअंदाज व शिक्षा विभाग द्वारा नियमों के जाल में फंसा कर अस्तित्व खतरे में डाल रहे है।संचालकों की एक भी मांग नहीं सुनी जाने के साथ अन्याय पर अन्याय किया जा रहा है । उन्होंने बताया कि विद्यालय संचालक, स्कूल के बच्चे, टीचर्स व स्टॉफ़ सभी मप्र परिवार के सदस्य हैं फिर भी प्राइवेट स्कूलों के साथ सरकार व शिक्षा विभाग पक्षपात की नीति का अनुसरण करती है।
ज्ञात हो कि मप्र के जिला, ब्लॉक संगठनो ने मिलकर मप्र संयुक्त मोर्चा अशासकीय विद्यालय संगठन मध्यप्रदेश के बैनर तले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से तीन वर्ष स्कूल संचालित करने के बाद स्थाई मान्यता प्रदान करने, सत्र 2022 से 2023 का आरटीई की राशि इसी माह 25 सितम्बर तक जारी किए जाने, सत्र 2016 से 2021 तक पुनः प्रपोजल खोला जाए, जो बच्चे अपात्र किये जाने के साथ स्कूल से हटाया गया है और बच्चों के प्रपोजल नही बन पा रहे हैं, उनका भौतिक सत्यापन कराकर आरटीई का भुगतान किए जाए जैसे 9 सूत्रीय मांग को पूरी करने की बात कही है । शिक्षकों ने बताया कि आगामी 25 सितंबर 2023 तक उनकी मांग नहीं मानी गई तो 27 सितंबर 23 को भोपाल में शिक्षा स्वाभिमान रैली के माध्यम से भोपाल में विरोध दर्ज करायेंगे।
इस अवसर पर अभिषेक गुप्ता, अशोक गुप्ता, धर्मेन्द्र तिवारी सहित प्रायवेट स्कूल के संचालक, शिक्षकगण मौजूद रहे।
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