दहेज लोभी सेना के जवान ने पत्नी को घर से निकाला, फोन पर दिया तलाक

Jun 29, 2024 - 22:56
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दहेज लोभी सेना के जवान ने पत्नी को घर से निकाला, फोन पर दिया तलाक

उमरिया। सेना में नौकरी करने वाले एक जवान ने अपनी पत्नी को लगभग एक साल पहले घर से निकाल दिया और फोन पर ही तलाक भी दे दिया। इस मामले में चंदिया निवासी नवविवाहिता ने थाने में शिकायत दर्ज कराई है जिस पर पुलिस ने दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज कर लिया है।

          इस बारे में जानकारी देते हुए पीडि़त नवविवाहिता ने अपने पति जासीन सिद्दीकी पिता इरशाद अहमद निवासी ऑटो स्टैंड के सामने भालूमाडा जिला अनूपपुर मध्य प्रदेश पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पीडि़ता का कहना है कि उसके पति की सहमति से ससुर, सास और ननद के द्वारा प्रताड़ना की जा रही थी। पीडि़ता का निकाह चंदिया में 26 फरवरी 2023 को सामाजिक रीति रिवाज के साथ हुआ था। निकाह के दौरान पीडि़ता के पिता ने अपनी हैसियत से बढ़कर दहेज का सभी सामान दिया था। इसके बावजूद ससुराल पहुंचने के बाद ससुराल में उसके साथ दहेज की मांग को लेकर तरह-तरह की प्रताड़ना की जाने लगी।

इन पर लगाया आरोप

          पीडि़ता ने अपने ससुर जैकब सिद्दकी, सास जहीदुनिशा खान और ननद साहिबा सिद्दीकी पर अत्याचार करने का आरोप लगाया है। ससुराल में पीडि़ता साथ सास, ननद के द्वारा कई बार मारपीट की गई। धक्का-मुक्की की गई और गाली गलौज की गई। इतना ही नहीं पीडि़ता का मोबाइल भी सास ने अपने पास रख लिया था। यदि मायके से फोन आता था तो मेरे ऊपर यह पाबंदी थी कि जब भी वह अपने मायके बात करे तो उनके सामने करे और मोबाइल का स्पीकर ऑन करके करे।

पागल घोषित करने का प्रयास 

          पीडि़ता के ससुर सास और ननद ने पति से फोन पर उसे पागल घोषित करने की योजना बनाई। इस योजना के तहत उसे घुमाने के बहाने 22 अगस्त 2023 को भोपाल ले जाया गया और वहां एम्स अस्पताल में एक डॉक्टर को दिखाकर मानसिक हालत खराब होने का सर्टिफिकेट बनवाने का प्रयास किया गया। जबकि डॉक्टर ने जांच करने के बाद साफ तौर पर कह दिया कि ऐसा कोई सर्टिफिकेट नहीं बनाया जा सकता। इसके बावजूद उसे 26 अगस्त तक वही रखा गया और दूसरी बार भी उसका मानसिक स्वास्थ्य खराब होने का सर्टिफिकेट बनवाने का प्रयास किया गया।  यहां बात नहीं बनी तो उसे जयपुर राजस्थान ले जाया गया लेकिन वहां भी किसी डॉक्टर ने फर्जी सर्टिफिकेट नहीं बनाया। इसके बाद 12 सितंबर को फिर दूसरी बार उसे भोपाल ले जाया गया और 14 सितंबर तक एक बार फिर कोशिश की गई कि उसका मानसिक संतुलन खराब होने का सर्टिफिकेट बनाया जाए लेकिन इस दौरान भी उन्हें सफलता नहीं मिली।

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