MP में इस रास्ते मॉनसून की एंट्री, इंदौर-भोपाल में पहले आएगा
मौसम विभाग ने जानकारी देते हुए बताया के मध्य प्रदेश में जल्दी ही मानसून आने वाला है जिससे पूरे राज्य में बारिश का सिलसिला शुरू हो जायेगा | इस साल का मानसून सबसे पहले भोपाल और इंदौर में आएगा |
मध्यप्रदेश में मानसून की एंट्री खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर के रास्ते हो सकती है। पिछले साल भी मानसून यहीं से आया था। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो 18 से 20 जून के बीच मानसून प्रदेश में एक्टिव हो सकता है। बड़े शहरों में इंदौर-भोपाल में सबसे पहले आएगा। फिर जबलपुर और ग्वालियर में बादल बरसेंगे। 3 जून से वेस्टर्न डिस्टर्बेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव होने से गर्मी का असर नहीं रहेगा, जिससे टेम्प्रेचर में गिरावट होगी।
सीनियर मौसम वैज्ञानिक एचएस पांडे ने बताया कि अबकी बार एमपी के साउथ वेस्ट और साउथ ईस्ट से मानसून एंट्री करेगा। पिछले साल खंडवा, खरगोन के रास्ते मानसून ने एंट्री की थी। इस बार भी यही संभावना है।
दो बार जुलाई में आया मानसून...इस बार ऐसा नहीं
भोपाल स्थित क्षेत्रीय कार्यालय ने जून का फोरकास्ट जारी किया है। मौसम के जून के ट्रेंड देखें तो भोपाल, इंदौर, जबलपुर-ग्वालियर में से सबसे पहले इंदौर में मानसून पहुंचा है। वर्ष 2014 में मानसून ने जुलाई में प्रवेश किया था। तब 7 जुलाई को भोपाल और 10 जुलाई को इंदौर-ग्वालियर में मानसून आया था। इसके बाद वर्ष 2019 में भी भोपाल-ग्वालियर में मानसून जुलाई में आया था। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बार 20 जून तक मानसून प्रवेश कर सकता है, इसलिए प्रदेशभर में जून महीने में ही एक्टिव हो जाएगा।
जून में इतना रहा तापमान...
जून के पहले सप्ताह में गर्मी का असर तेज रहता है। पिछले 10 साल के आंकड़े देखें, तो तापमान 46 डिग्री के पार पहुंच चुका है। सबसे ज्यादा गर्म खजुराहो, टीकमगढ़, भिंड, मुरैना, मंदसौर, रतलाम आदि जिले रहे। यदि बड़े शहर भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर पर नजर दौड़ाई जाए, तो यहां भी पारा 45-46 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था।
भोपाल में पिछले 3 साल से कम तापमान
भोपाल में पिछले 3 साल से जून में सबसे कम गर्मी पड़ी। वर्ष 2013 से 2022 तक के आंकड़ों के अनुसार, 1 और 5 जून 2013 को पारा 42.6 डिग्री था। इसके बाद तापमान में लगातार बढ़ोतरी हुई, जो 45.4 डिग्री तक पहुंच गया। वर्ष 2020 से तापमान में गिरावट होने लगी। 2020-21 में तापमान 40 डिग्री के आसपास रहा, लेकिन पिछले साल 6 जून को पारा सबसे ज्यादा 43.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था।
इंदौर में पारा कम
इंदौर में जून में टेम्प्रेचर कम रहता है। पहले ही सप्ताह सबसे ज्यादा तापमान पहुंचता है। उसके बाद मानसून एक्टिव होने से पारे में बढ़ोतरी नहीं होती। 10 साल में सिर्फ दो बार ही तापमान 44 डिग्री तक पहुंचा है।
ग्वालियर में गर्मी ज्यादा
इंदौर, भोपाल से उलट जून में ग्वालियर में भीषण गर्मी पड़ती है। यहां पहला सप्ताह हो या आखिरी, गर्मी का असर देखने को मिला है। 10 साल के आंकड़े देखें, तो 8 जून 2014 में पारा 47 डिग्री और 11 जून 2019 को तापमान 47.8 डिग्री तक पहुंच चुका है। पिछले दो साल से पारा 44 डिग्री रहा।
जबलपुर में भी पारे में बढ़ोतरी
जबलपुर में भी तापमान में बढ़ोतरी का ट्रेंड है। यहां जून के पहले ही सप्ताह में तेज गर्मी पड़ती है और पारा 46 डिग्री के पार पहुंच जाता है। 1 जून 2019 को तापमान 46.8 डिग्री दर्ज किया गया था। पिछले साल 6 जून को तापमान 44.6 डिग्री रहा था।
अब जानिए, अबकी बार कैसा रहेगा मानसून
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि केरल में 4 जून तक मानसून एंट्री कर लेगा। यह मध्यप्रदेश में 18 से 20 जून के बीच एंट्री करेगा। प्रदेशभर में यह जून के आखिरी सप्ताह तक एक्टिव हो सकता है। मौसम वैज्ञानिकों ने प्रदेश के 63% हिस्से में सामान्य से कम बारिश का अनुमान जताया है। इनमें इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल, रीवा और सागर संभाग के कुल 33 जिले शामिल हैं। यहां सामान्य से 10% या इससे कम बारिश हो सकती है, जबकि भोपाल, जबलपुर, नर्मदापुरम और शहडोल संभाग के 19 जिलों में नॉर्मल बारिश होगी। इन जिलों में 96 से 104% तक बारिश हो सकती है।
प्रदेश में कहीं भी सूखे जैसे हालात नहीं बनेंगे। प्रदेश के सभी हिस्सों में अच्छी बारिश होगी। पिछले साल भोपाल में करीब 75 इंच बारिश हुई थी। प्रदेश में भोपाल सबसे ज्यादा बारिश वाला जिला था। इसके अलावा, कई जिलों में सामान्य से ज्यादा बारिश दर्ज की गई थी।
13 साल में 3 बार ही 20 जून के बाद मानसून की एंट्री
पिछले 13 साल के आंकड़ों पर नजर डालें, तो दो बार ही मानसून 20 जून के बाद मध्यप्रदेश में एंटर हुआ है। वर्ष 2017 में 22 जून, 2018 में 26 जून और 2019 में 24 जून को मानसून की एंट्री हुई थी।
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