सेवा, सादगी और समर्पण के मिसाल रहे कार्यालय अधीक्षक -सब एरिया मैनेजर

हमने एक साथी नहीं, एक मार्गदर्शक खोया है -रामनारायण पयासी
उमरिया। पिपरिया कालरी में 36 वर्षों तक कर्तव्यनिष्ठ सेवाएं देने के बाद कार्यालय अधीक्षक मुख्तियार खान का सेवानिवृत्त होना पूरे विभाग के लिए एक भावनात्मक क्षण बन गया। 1989 में कोयला क्षेत्र सोहागपुर से अपने सेवा जीवन की शुरुआत करने वाले मुख्तियार खान 1995 में उमरिया स्थानांतरित हुए और तब से पिपरिया कालरी की पहचान का हिस्सा बन गए। मुख्तियार खान न सिर्फ एक अनुशासित अधिकारी थे, बल्कि अपने सौम्य स्वभाव, संवेदनशील नेतृत्व और कर्मठता के लिए भी पहचाने जाते थे। उनके सम्मान में आयोजित विदाई समारोह में हर चेहरा भावुक था। सहकर्मियों ने उन्हें “चलती-फिरती प्रेरणा” और “विश्वास का प्रतीक” बताया।
विदाई समारोह में सब एरिया मैनेजर आरवी गोतमारे ने कहा कि "कार्यालय अधीक्षक के रूप में मुख्तियार खान जी की सेवाएं उच्च श्रेणी की रही है, कार्य के प्रति हमेशा सेवा, सादगी और समर्पण रहा है, जो हमेशा हम सभी को प्रेरणा देगा।" धनुषधारी सिंह ने कहा कि "मुख्तियार खान जी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा की जीवंत मिसाल हैं।" रामनारायण पयासी ने कहा कि "उनकी सादगी और प्रशासनिक कुशलता आने वाली पीढ़ियों को राह दिखाएगी।" शकील खान ने कहा कि "उनकी मुस्कान और धैर्य से हमने बहुत कुछ सीखा है, उनकी कुर्सी भले खाली हो गई हो, लेकिन उनकी मौजूदगी हमेशा महसूस होगी।" नवमी शरण यादव ने कहा कि "हमने एक साथी नहीं, बल्कि मार्गदर्शक खोया है।"
अंत में मंच पर भावुक होते हुए मुख्तियार खान ने कहा कि मैंने कभी इसे सिर्फ नौकरी नहीं माना, ये मेरा परिवार था। राजनीति में होते हुए भी कालरी में मैंने नेतागिरी नहीं, सहयोग और साथ निभाने को प्राथमिकता दी। आज विदा ले रहा हूं, लेकिन मेरा मन, मेरी दुआएं हमेशा कालरी परिवार के साथ रहेंगी। यह विदाई सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, एक युग के समापन जैसी थी।
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