राष्ट्रकवि श्री दिनकर जी की 116वीं जयंती पर राष्ट्रीय कवि संगम द्वारा आयोजित ऑनलाइन काव्यगोष्ठी में बही देशभक्ति और भक्तिरस की गंगा

Sep 26, 2023 - 21:50
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राष्ट्रकवि श्री दिनकर जी की 116वीं जयंती पर राष्ट्रीय कवि संगम द्वारा आयोजित ऑनलाइन काव्यगोष्ठी में बही देशभक्ति और भक्तिरस की गंगा

शहडोल।  23 सितम्बर दिन शनिवार को युग प्रवर्तक, पद्म भूषण अलंकृत ,ओजस्वी, क्रांतिकारी हिन्दी रक्षक, राष्ट्रकवि श्री रामधारी सिंह दिनकर जी का जयंती पर्व राष्ट्रीय कवि संगम शहडोल इकाई द्वारा श्रीगणेश महोत्सव के पावन षष्ठम दिवस पर 'राष्ट्र जागरण धर्म हमारा' का मूल उद्देश्य लेकर शायं 8 बजे अंतर्राज्यीय स्तर पर गूगल मीट के माध्यम से ऑनलाइन काव्यगोष्ठी आयोजित कर मनाया गया।

          यह कार्यक्रम राष्ट्रीय कवि संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबू जगदीश मित्तल के सानिध्य में, प्रदेशाध्यक्ष  शंभू सिंह मनहर के मार्गदर्शन में, प्रांताध्यक्ष डॉ दीपेन्द्र पाण्डेय के समन्वय, विंध्य प्रांत महामंत्री वरिष्ठ गीतकार मृगेंद्र कुमार श्रीवास्तव 'तन्हा' के प्रत्यक्ष सहयोग से सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। श्री श्रीवास्तव ने ऑनलाइन उपस्थित होकर प्रत्येक नवांकुरों की प्रस्तुति पर उनका उत्साहवर्धन व मार्गदर्शन भी किया। इस ऑनलाइन काव्यगोष्ठी की अध्यक्षता शहडोल से संरक्षक सम्मानित वरिष्ठ साहित्यकारा श्रीमती नलिनी तिवारी जी ने, मुख्य आतिथ्य नोएडा से वरिष्ठ समीक्षक एवं समाचार पत्र संपादिका डॉ ममता सरुनाथ ने, कम समय में सफल संयोजन कर शहडोल की कर्मठ जिलाध्यक्षा श्रीमती अंजू सिंह ने एवं संचालन जिला महामंत्री पद्म प्रकाश 'बेसुरा' ने किया और शहडोल जिले में राष्ट्रप्रेम व साहित्य की अनुपम अंतर्ज्वाला को प्रबल किया।

          अपनी अद्भुत ओज लेखनी से देशप्रेम जगाने वाले श्री दिनकर जी की जयंती मना रहे इस ऑनलाइन काव्यगोष्ठी का श्रीगणेश माँ सरस्वती की मधुर वंदना से जिलाध्यक्ष श्रीमती अंजू सिंह ने किया - ''माँ शारदे तुम्हें आना होगा, वीणा मधुर बजाना होगा''। कार्यक्रम अध्यक्ष श्रीमती नलिनी तिवारी के आशीर्वचन एवं मुख्य अतिथि डॉ ममता सरुनाथ के संक्षिप्त भाषण से काव्य पठन करने वाले कवियों, नवांकुरों में नवीन ऊर्जा का प्रसार हुआ। कार्यक्रम का वातावरण प्रारंभ में ही भक्तिमय तब हो गया जब कवियों द्वारा अनवरत माँ सरस्वती, श्रीराम, श्रीकृष्ण एवं श्री गणपति देवा की मौलिक स्तुति कर भावात्मक काव्यपाठ किया।कवियों ने कार्यक्रम में ईशभक्ति, राष्ट्रप्रेम एवं दिनकर जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व की महिमा बखान कर साहित्य की अविरल गंगा बहाई । श्री दिनकर की इस 116वीं जयंती के इस ऑनलाइन काव्यगोष्ठी में उपस्थित कवियों के रचनापाठ की झलकियाँ कुछ इस प्रकार हैं:-

अनिकेत पयासी शहडोल -

"कहते हैं उनको राम मिले, ऐसे उनके काम मिले।" ऋचा श्रीवास्तव मनेंद्रगढ़ -"यहां प्रभु राम हैं मेरे, वहां प्रभु राम हैं मेरे।"

ओमदत्त ओर्के धनपुरी -

"क्यों भटक रहा है पागल मन, दर-बदर को हे भगवन्"

जबलपुर से पर्वतारोही शैलजा तिवारी -

"हृदय खिन्नता को पाता है, भाव में व्याकुलता अर्पण। कोई स्वयं को समझ न पाता जबकि मन है उत्तम दर्पण।।"

आशुतोष पयासी पांडवनगर शहडोल ने दिनकर जी की शैली में वीर रस में पढ़कर वातावरण ओजपूर्ण बना दिया -

"मेरा सपना यह है भारत को समृद्ध देश बनाऊंगा। दोबारा जन्म लूंगा सरहद पर जाऊंगा।" आशुतोष पयासी की ओजवाणी और राष्ट्रभक्ति प्रस्तुति से प्रभावित होकर मुख्य अतिथि डॉ ममता सरुनाथ द्वारा अपने समाचार पत्र में उनकी कविता को स्थान देने की बात पर सभी उपस्थित वरिष्ठ -कनिष्ठ कवियों ने बधाई देकर उनका उत्साहवर्धन किया और कहा कि नवागत , नवांकुर ऐसे ही देशहित, राष्ट्रहित और ओज से परिपूर्ण रचना लिखकर गौरवशाली राष्ट्र निर्माण करें ।  सभी ने उनकी सफलता की कामना की। अभिषेक श्रीवास्तव 'शिवा' शहडोल - "देश के सिपाहियों का मैं त्याग दिखाने आया हूँ।" शिल्पी सिंह बघेल शहडोल - "कर में बंशी धर लियो, कमल सम तोय, सांवर सांवर रूप...।" प्रांत महामंत्री श्री मृगेंद्र श्रीवास्तव सिंहपुर ने सुंदर भावपूर्ण गीत पढ़ा - "कब आएंगे राम हमारे, शबरी राह निहारे।"

          जिलाध्यक्ष श्रीमती अंजू सिंह बघेल शहडोल ने देश के महापुरुषों एवं वीरांगनाओं को एकत्रित कर रचना में समाहित किया - "एक जननी एक जन्मभूमि, जाने सकल जहान। माँ फूलों की क्यारी है।" वरिष्ठ साहित्यकारा व कार्यक्रम अध्यक्ष श्रीमती नलिनी तिवारी शहडोल ने भावपूर्ण गीत गाकर सभी उपस्थित जनों का दिल जीत लिया - "आया तेरा तारणहार यशोदा तेरा राज दुलारा आया।" राजीव सक्सेना ग्वालियर - "किसी को यार की चिंता, किसी को प्यार की चिंता। जिसे दोनों नहीं मिलते , उसे परिवार की चिंता।"

          अंत में संचालक एवं महामंत्री पद्म प्रकाश 'बेसुरा' ने श्री दिनकर जी के व्यक्तित्व, उनके प्रसंगों एवं मनोभाव से सुसज्जित अपनी रचना पढ़ी - " 'कुरुक्षेत्र' से जग 'हुंकार' लिखा भारत संग्राम, 'युग चारण' 'हिंदी रक्षक' 'दिनकर' को कोटि प्रणाम।"

          अंत में जिलाध्यक्ष श्रीमती अंजू सिंह के द्वारा आभार प्रदर्शन, कार्यक्रम अध्यक्ष श्रीमती नलिनी तिवारी व मुख्य अतिथि डॉ ममता सरुनाथ के मार्गदर्शन शब्द प्रदाय और भारतवर्ष एवं सकल विश्वशांति की कामना हेतु प्रांत महामंत्री मृगेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने कल्याण मंत्र का वाचन समस्त उपस्थित जनों से कराकर कार्यक्रम का समापन किया और राष्ट्रीय कवि संगम द्वारा देशहित में साहित्यिक कार्य करते रहने व भावी कार्यक्रमों की अग्रिम सफलताओं हेतु ईश्वर से प्रार्थना की।

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